इंदौरा के सुग भटोली गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा की लौ देने वाले संत फकीर चंद महाराज का निधन
Baba Fakeer Chand Maharaj इंदौरा के अंतर्गत पड़ते अतिपिछड़े क्षेत्र सुग-भटोली के संत फकीर चंद महाराज पंच तत्व में विलीन हो गए। सुग-भटोली गांव जो कि कभी जंगल हुआ करता था और इस क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई चाहे सरकारी जा फिर निजी सहूलियत नहीं होती थी।

मुकेश सरमाल, भदरोआ। Baba Fakeer Chand Maharaj, इंदौरा के अंतर्गत पड़ते अति पिछड़े क्षेत्र के गांव सुग-भटोली के संत फकीर चंद महाराज पंच तत्व में विलीन हो गए। सुग-भटोली गांव जो कि कभी जंगल हुआ करता था और इस क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई चाहे सरकारी जा फिर निजी सहूलियत नहीं होती थी। बाबा ने इस गांव में एक पहाड़ी में जय मां आश्रम की नींव रखी। इस जंगलरूपी गांव में शिक्षा, स्वस्थ्य आदि की सहूलियत नहीं थी, तो सर्वप्रथम बाबा ने एक निजी स्कूल और काॅलेज शुरू किया, जहां संस्कृत शिक्षा व बीएड करवाई जाती है। उन्होंने अपने भवन में सरकारी बैंक भी खुलवाई। हर वर्ष यहां राष्ट्रीय स्तर जैसे बड़े संत समागम करवाते थे। कभी भागवत कथा और कभी रामायण पाठ से यह नगरी मंत्रमय रहती थी।
वर्षों तक इस पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ की लौ को उजागर करने के बाद अपने द्वारा खोले गए स्कूल, बीएड कालेज, डिग्री कालेज ओर संस्कृत काॅलेज को सरकार के अधीन करवा दिया। बाबा के इस दुनिया से चले जाने के उपरांत सुग-भटोली गांव की धरती एक तरह से सूनी पड़ गई है। आज इस क्षेत्र की जनता ने एक अनमोल रतन खो दिया है। बाबा फकीर चंद की जन्म भूमि जिला ऊना के विधानसभा गगरेट में पड़ते गांव मावं कोहला में है।
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