International Womens Day: मंडी की अंशुल को आज मिलेगा नारी शक्ति पुरस्कार
International Womens Day बुनकर क्षेत्र में शाल व टोपी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली मंडी शहर की पैलेस कालोनी की अंशुल मल्होत्रा को मंगलवार को नारी शक्ति पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। अंशुल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सम्मानित करेंगे।

मुकेश मेहरा, मंडी। हथकरघा यानी बुनकर क्षेत्र में शाल व टोपी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली मंडी की पैलेस कालोनी की अंशुल मल्होत्रा को मंगलवार को नारी शक्ति पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। अंशुल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सम्मानित करेंगे। उन्हें यह पुरस्कार 2021 में हथकरघा क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए दिया जा रहा है।
शिल्प गुरु ओम प्रकाश मल्होत्रा की बेटी 38 वर्षीय अंशुल मल्होत्रा पिता को देखकर ही 16 साल से हथकरघा से जुड़ी हैं। अंशुल ने बताया कि शुक्रवार को ही उनको अवार्ड मिलने की सूचना मिली थी। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी पत्र भरा था। उन्होंने सात देशों में हथकरघा के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर भारत का नेतृत्व किया है। वह जर्मनी, चीन, मलेशिया, फिजी इत्यादि में हुई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। जर्मनी में हुई एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने पहला स्थान हासिल किया था। इसके बाद उनको चीन से बुलावा आया था। चीन में उन्होंने टैक्सटाइल उद्योग में डाई के कारण होने वाले पर्यावरण को नुकसान पर विचार रखे थे।
अंशुल ने बताया कि वह बचपन से ही पिता को शाल व टोपी आदि बनाते देखती थीं तो उनका झुकाव भी इस ओर हो गया। उन्होंने बीटेक भी टैक्सटाइल में की और पिता के कारोबार में मार्केटिंग देखती हैं। उनका विशेष ध्यान शाल आदि के डिजाइन को बेहतर करना होता है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर वह बेहद खुश थीं। उन्होंने पीएम को बताया कि नई पीढ़ी हथकरघा से दूर हो रही है तथा इसे शिक्षा के साथ जोडऩा जरूरी है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान तकली का जिक्र भी किया। वहीं अंशुल के पिता शिल्प गुरु ओम प्रकाश मल्होत्रा ने कहा कि बेटी ने देश में नाम रोशन किया है। वहीं उनकी माता कृष्णा मल्होत्रा और पति कपिल वैद्य ने कहा कि उन्हें अंशुल पर नाज है।

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