कोशिका में सिग्नल पेप्टाइड एकत्र होने से बढ़ रहा अल्जाइमर रोग
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों ने एक महत्वपूर्ण जैव आणविक प्रक्रिया का पता लगाया है जो अल्जाइमर रोग में दिखने वाले प्रोटीन कलस्टर एग्रीगेट बनने के लिए जिम्मेदार होती है। एपीपी का सिग्नल पेप्टाइड एमिलायड बीटा पेप्टाइड के साथ एग्रीगेट बना एक साथ जमा हो सकता है।
मंडी, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों ने एक महत्वपूर्ण जैव आणविक प्रक्रिया का पता लगाया है जो अल्जाइमर रोग में दिखने वाले प्रोटीन कलस्टर एग्रीगेट बनने के लिए जिम्मेदार होती है। एमिलायड प्रीकर्सर प्रोटीन (एपीपी) का सिग्नल पेप्टाइड एमिलायड बीटा पेप्टाइड के साथ एग्रीगेट बना एक साथ जमा हो सकता है। डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) के सबसे आम स्वरूप अल्जाइमर पैदा करने की वजह बनती है। इससे धीरे-धीरे याददाश्त समाप्त होती है।
कोशिका के भीतर लगभग हर प्रक्रिया के लिए प्रोटीन आवश्यक है, लेकिन उनके एकत्र होने या गलत मुडऩे के चलते हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। ऐसी 50 से अधिक बीमारियां हैं जिनकी वजह प्रोटीन का एकत्र होना व गलत मुडऩा है। इसका एक उदाहरण अल्जाइमर है। इसका संबंध तंत्रिका कोशिकाओं के बीच खाली जगह में एमिलायड या गलत मुड़े पेप्टाइड के एकत्र होने से है। प्रोटीन के एकत्र होने या गलत मुडऩे पर पेप्टाइड कोशिकाओं के चारों ओर जमा हो जाते हैं और उन्हें मार देते हैं। इससे कई बीमारियां होती हैं। क्या सिग्नल पेप्टाइड अल्जाइमर रोग संबंधी पेप्टाइड के साथ इकट्ठे जमा रह सकते हैं। ऐसे प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए आइआइटी
मंडी के स्कूल आफ बेसिक साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रजनीश गिरी के नेतृत्व में यह शोध किया गया। टीम में शोध विद्वान डा. कुंडलिक गढ़वे, तानिया भारद्वाज के साथ कैंब्रिज विश्वविद्यालय इंग्लैंड के प्रो. मिशेल वेंड्रस्कोलो व दक्षिण फ्लोरिडा विश्वविद्यालय अमेरिका के प्रो. व्लादिमीर वस्र्की शामिल थे। बकौल डा. रजनीश गिरी पहले यही जानकारी थी कि एमिलायड प्रीकर्सर प्रोटीन में केवल विषैला एग्रीगेट बना सकता है। शोध से पता चला है कि एमिलायड प्रीकर्सर प्रोटीन के सिग्नल पेप्टाइड न केवल कोशिका नाशक एग्रीगेट बनाते हैं बल्कि इनंविट्रो परिस्थितियों में पेप्टाइड का एकत्र होना भी बढ़ाते हैं। सिग्नल पेप्टाइड प्रोटीन के एनंटर्मिनस पर मौजूद छोटे पेप्टाइड यूनिट हैं जो प्रोटीन को लक्ष्य बनाने का काम करते हैं। यह शोध भावी अनुसंधान में मदद करेगा जो बीमारी पैदा करने वाले अन्य सिग्नल पेप्टाइड्स का इससे संबंध स्थापित कर सकता है।
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