नौकरी छूटने के बाद दूध उत्पादन से आत्मनिर्भर बने गुरदेव, रोजाना 25 से 30 लीटर दूध बेच रहे
Dairy Farm Business नौकरी सरकारी हो या प्राइवेट होनी चाहिए। ऐसे में अगर किसी की अचानक नौकरी छूट जाए तो दुख किसे नहीं होता। नौकरी जाने का आर्थिक रूप से प्रभाव तो पड़ता ही है बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति बहुत अधिक परेशान हो जाता है।

इंदौरा, रमन कुमार। Dairy Farm Business, नौकरी सरकारी हो या प्राइवेट, होनी चाहिए। ऐसे में अगर किसी की अचानक नौकरी छूट जाए तो दुख किसे नहीं होता। नौकरी जाने का आर्थिक रूप से प्रभाव तो पड़ता ही है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति बहुत अधिक परेशान हो जाता है। ऐसे दौर से उभरना मुश्किल नहीं है। बस थोड़ा सब्र और वैचारिक शक्ति हो और आत्मनिर्भर बनने की चाह हो तो नौकरी की कोई जरूरत ही नहीं है। ग्राम पंचायत इंदौरा के गुरुदत्त ने कोरोना काल में नौकरी हाथ से जाने के बाद हौसला नहीं छोड़ा। उन्होंने आजीविका के लिए दूध उत्पादन को सहारा बनाया। आज गुरुदत्त दूध उत्पादन के दम पर ही इतना पैसा कमा रहा है कि उसके मन में अब नौकरी करने का ख्याल तक नहीं आता।
गुरुदत्त ने बताया कि कोरोना काल से पहले वह जीरकपुर स्थित एक निजी फायर कंपनी में बतौर फायर ऑफिसर कार्यरत थे। कोरोना काल में कंपनी ने सभी को पहले कर्फ्यू के चलते घर भेज दिया, फिर उन्हें वापस नहीं बुलाया गया। फायर ऑफिसर पद था तो अच्छी खासी सैलरी भी थी। नौकरी छूटने के बाद जीवन यापन के लिए आर्थिक रूप से कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना पड़ा।
नौकरी जाने के बाद उन्होंने अपनी जीवन की जमापूंजी से एक टेंट हाउस तो खोला, परंतु नहीं चला। ऐसे में दूध उत्पादन में मेहनत करके आत्मनिर्भर बनने का मन बनाया। पहले एक गाय खरीदी और दूध बेचने लगा। एक ही साल में अब उनकी पास तीन गायें हो गई हैं। हर रोज सुबह 25 से 30 लीटर दूध बेच कर आजीविका अच्छे से निर्वहन कर रहे हैं।

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