ज्वालामुखी मंदिर में पन्नों से झांक रहा इतिहास
...और पढ़ें

प्रतिनिधि, ज्वालामुखी : प्रदेश सरकार के निर्देश पर मंदिर आयुक्त सी पालरासू ने ज्वालामुखी मंदिर के मोदी भवन में मां के भक्तों को आकर्षित करने के लिए वैदिककालीन पांडुलिपियां शीशे में मढ़वाकर लगवा दीवारों पर दी हैं। मंदिर के पास वाले मोदी भवन में इन पांडुलिपियों को प्रदर्शित किया गया है। मां ज्वाला जी के भक्त अमृतसर निवासी रजनीश खोसला ने पूर्व सरकार में तत्कालीन प्रधान सचिव भाषा एवं संस्कृति विभाग मनीषा नंदा से विशेष आग्रह किया था कि प्राचीन धरोहरें बंद कमरों में बर्बाद हो रही हैं, उनके लिए मंदिरों से बेहतर कोई अन्य स्थान नहीं हो सकता। उनके इस आग्रह पर सरकार ने जिलाधीश कांगड़ा को निर्देश दिए कि यह व्यवस्था की जाए कि पांडुलिपियों को इस तरह से सहेजा जाए कि बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बन सकें।
खोसला ने बताया कि ज्वालामुखी मंदिर के मोदी भवन में 66 पांडुलिपियां शीशे में मढ़ाकर लगाई गई हैं। इनमें भागवत गीता, संस्कृत व्याकरण, हनुमान स्तुति, स्कंद पुराण, गंगा स्हत्रनाम, मार्कंडेय पुराण, आध्यात्मक रामायण व वैदिक संस्कृति का ज्ञान कूट-कूट कर भरा है। उसमें एक अक्षर का सार कई लाइन में किया जाता है। उन्होंने कहा कि उनके दादा दीवान संत राम खोसला उन पांडुलिपियों को भारत-पाक विभाजन से पहले लाहौर से लेकर आए थे। उन्हें माता चिंतपूर्णी मंदिर, तिरुपति वाला जी मंदिर, दरबार साहिब अमृतसर व अन्य कई धार्मिक स्थलों में यात्रियों की आस्था को बढ़ाने के लिए लगाया गया है।
वहीं सहायक मंदिर आयुक्त एसके पराशर, मंदिर अधिकारी तहसीलदार देवी राम व सहायक मंदिर अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर ने कहा कि जिलाधीश के निर्देश पर वैदिककालीन पांडुलिपियों को यात्रियों के दर्शनार्थ मोदी भवन में लगा दिया है। इस जगह पर शहंशाह अकबर का ऐतिहासिक छत्र भी रखा गया है। वहीं मंदिर न्यास के सदस्यों दिव्यांशु भूषण दत्त, संजीव सूद, भवानी दत्त, पार्वती प्रशाद, सुरिंद्र कुमार व बेनी माधव ने कहा कि इन पांडुलिपियों को लगाने से यात्रियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनेंगी। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।