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    खास हो या आम... महिलाएं दूर से ही करती हैं इन बाबा के दर्शन

    By Rajesh SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 15 Mar 2019 04:13 PM (IST)

    women not allow in Baba Balak nath temple बाबा बालक नाथ मंदिर में बेशक यहां से बोर्ड हट गया हो लेकिन महिलाएं अब भी गुफा में नहीं जाती हैं।

    खास हो या आम... महिलाएं दूर से ही करती हैं इन बाबा के दर्शन

    संजय गोस्वामी, बड़सर। उत्तर भारत का विख्यात सिद्धपीठ... बाबा बालक नाथ मंदिर। कभी एक बोर्ड यहां होता था जिस पर लिखा होता था, महिलाएं बाबा की गुफा में प्रवेश न करें। बोर्ड हट गया है लेकिन परंपरा अब भी कायम है। बेशक यहां से बोर्ड हट गया हो लेकिन महिलाएं अब भी गुफा में नहीं जाती हैं। वीरवार से बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चैत्र मास मेले शुरू हो गए। परंपरा के अनुसार जिले के उपायुक्त को झंडा चढ़ाकर मेले का शुभारंभ करना होता है, जिलाधीश डॉ. ऋचा वर्मा ने परंपरा का निर्वहन किया और मेले का आगाज किया, लेकिन महिला डीसी ने भी अन्य महिलाओं की तरह ही बाबा जी के दर्शन किए।

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    सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार गुफा के ठीक सामने एक चबूतरा बना है, महिलाएं वहीं से दर्शन करती हैं। महिलाओं के गुफा में जाने पर बेशक कोई प्रतिबंध न हो लेकिन डीसी ने आम महिलाओं की तरह बाबा जी की गुफा के दर्शन किए।

    गौर रहे कि महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल से चली आ रही परंपरा के खिलाफ जंग अदालत में पहुंची तो प्रतिबंध हटा। उसके बाद बाबा बालक नाथ मंदिर में लगा बोर्ड भी हटा दिया था। लेकिन अघोषित प्रतिबंध हटने की तमाम चर्चाओं के बावजूद महिलाएं दूर बनाए गए चबूतरे से ही बाबा के दर्शन कर संतुष्ट हैं।

    मंदिर प्रशासन का कहना है कि ऐसा कोई लिखित आदेश नहीं है कि महिलाएं बाबा की गुफा में प्रवेश नहीं कर सकतीं.. लेकिन परंपरा का निर्वहन करते हुए महिलाएं स्वयं यह कदम उठाना नहीं चाहती। मंदिर में पुरुष व महिलाओं को दर्शन के लिए ट्रस्ट की ओर से पहले से द्वार खुले हैं। पंजाब से आई एक महिला श्रद्धालु से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम आस्था से खिलवाड़ नहीं कर सकते। हम गुफा के दूर से ही दर्शन करना चाहती हैं। हमें बाबा का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है।

    गुफा तक पहुंची दो महिलाएं

    मई 2016 में जब शनि शिंगणापुर में महिलाओं के प्रवेश का मामला देशभर में चर्चा में था उसी दौरान हमीरपुर जिले की भोटा निवासी एक महिला ने अपनी दो बेटियों के साथ बाबा जी गुफा तक पहुंचकर दर्शन किए थे।  उस दौरान पहली बार कोई महिला गुफा तक पहुंची थी। उसके बाद एक पंजाब की महिला ने भी गुफा तक पहुंचकर बाबा जी के दर्शन किए थे।

    'बाबा बालक नाथ मंदिर में माथा टेकना मेरी व्यक्तिगत अस्था है। मंदिर में प्रशासन की ओर से बोर्ड भी स्थापित किया गया है। किसी भी महिला व पुरुष के लिए बाबा बालक मंदिर में पूजा-अर्चना करने व दर्शन करने की कोई मनाही नहीं है। मैंने अपनी व्यक्तिगत आस्था के चलते चबूतरे से ही बाबा के दर्शन किए हैं। -डॉ. ऋचा वर्मा, उपायुक्त हमीरपुर