'वर्दी खुद रास्ता चुन...', ब्रिगेडियर पिता की राह पर चल लेफ्टिनेंट बने हमीरपुर के कार्तिकेय; परिजनों में खुशी की लहर
लेफ्टिनेंट कार्तिकेय अग्निहोत्री ने आईएमए देहरादून से देशसेवा का प्रण लिया। ब्रिगेडियर पिता राजन अग्निहोत्री ने बेटे के कंधे पर बैच पहनाए। दादा जेपी अ ...और पढ़ें

ब्रिगेडियर पिता की राह पर चल लेफ्टिनेंट बने हमीरपुर के कार्तिकेय। फोटो जागरण
मनोज शर्मा, हमीरपुर। जब दिल में भारत बसता है, तो वर्दी खुद रास्ता चुन लेती है...यह कहना है लेफ्टिनेंट कार्तिकेय अग्निहोत्री का। ब्रिगेडियर पिता राजन अग्निहोत्री की राह पर चलते हुए कार्तिकेय ने शनिवार को आइएमए देहरादून से देशसेवा का प्रण लिया।
देहरादून में पिता ब्रिगेडियर राजन अग्निहोत्री व माता अर्चना अग्निहोत्री ने जब बेटे के कंधे पर बैच पहनाए तो सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे दादा सेवानिवृत्त प्रोफेसर जेपी अग्निहोत्री व दादी सेवानिवृत्त प्राचार्य लक्ष्मी अग्निहोत्री की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे।
हमीरपुर शहर के हीरानगर निवासी दादा जेपी अग्निहोत्री ने दैनिक जागरण से कहा कि मेरे लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है, बेटे के बाद पौत्र ने भी देशसेवा की राह चुनी है। मूलत: हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के पनसाई निवासी प्रोफेसर जेपी अग्निहोत्री हमीरपुर शहर के साथ सटे हीरानगर में रहते हैं।
पिता ब्रिगेडियर राजन अग्निहोत्री ने कहा कि बेटा बचपन से ही जब मुझे वर्दी में देखता तो कहता था कि पापा मैं भी आपकी तरह वर्दी पहनूंगा। बेटे का आज यह सपना साकार हुआ है। पिता से अधिक मुझे एक सैनिक के रूप में गर्व है जब वर्दी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपी जाती है।
एमएससी तक पढ़ाई करने वाली गृहिणी माता अर्चना अग्निहोत्री का कहना है कि बेटे को अधिकारी बनते देखना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र को एक समर्पित सपूत सौंपने का संतोष है। मेरी वर्षों की प्रार्थना, चिंता और धैर्य आज मुस्कान में बदल गए।
पिता ब्रिगेडियर राजन अग्निहोत्री जून 1995 में इसी तरह अफसर बने थे। वह पंजाब में सेवाएं दे रहे हैं और वर्तमान में एक ब्रिगेड की कमान संभाल रहे हैं। मार्च 2004 में जन्मे कार्तिकेय ने आर्मी पब्लिक स्कूल महू (मध्य प्रदेश) से जमा दो की पढ़ाई की है, इससे पहले दो साल तक धर्मशाला के सिद्धवाड़ी स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल में भी बेहतरीन विद्यार्थी रहा है।
शनिवार को इस समारोह में कार्तिकेय के चाचा सुनीत अग्निहोत्री व चाची कविता अग्निहोत्री भी साक्षी रहे। कार्तिकेय की छोटी बहन श्रेया अग्निहोत्री मुंबई स्थित विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं। चाचा सुमित ने कहा कि परिवार के लिए यह गर्व के पल हैं।
पनसाई गांव से चौथे लेफ्टिनेंट बने कार्तिकेय
नादौन उपमंडल के पनसाई गांव से कार्तिकेय चौथे लेफ्टिनेंट बने हैं। इससे पहले इनके पिता राजन अग्निहोत्री, पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री के भाई सुनील अग्निहोत्री व सेवानिवृत्त सूबेदार सुशील शर्मा के बेटे कैप्टन अंकित शर्मा वर्तमान में देश सेवा कर रहे हैं।

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