अब आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सीधे सीडीपीओ होंगे प्रमोट
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत निदेशालय महिला एवं बाल विकास में कार्यरत आंगनवाड़ी सुपरवाइजर काफी लंबे समय से बाल विकास परिशेजना योजना अधि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी सुपरवाइजर अब सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना अधिकारी) बन जाएंगे। ये लंबे समय से पदोन्नति कोटा मांग रहे थे। सरकार और विभाग ने उनकी इस मांग को सही मानते हुए 25 प्रतिशत सीडीपीओ का पदोन्नति कोटा प्रदान कर दिया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पंजाब और हरियाणा में सुपरवाइजर के लिए 50 प्रतिशत कोटा सीडीपीओ पद के लिए है। सुपरवाइजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि विभाग में सुपरवाइजर 1987, 88 व 89 में प्रदेश लोक सेवा आयोग से परीक्षा के माध्यम से चयनित हुए थे, लेकिन पर्याप्त बहुमुखी पदोन्नति कोटा न होने के कारण 32 वर्ष के सेवाकाल के बाद भी उसी पद से सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर थे। विभाग में अन्य वर्ग दो से तीन पदोन्नति के अवसर सेवाकाल में प्राप्त कर रहे थे। सुपरवाइजर विभाग का 808 पदों का सबसे बड़ा काडर है। विभाग की सभी स्कीमों, सेवाओं और केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले विभिन्न अभियानों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, पोषण अभियान को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाने में सुपरवाइजर का अहम रोल होता है। हक के लिए काफी लंबा संघर्ष सुपरवाइजर संघ को करना पड़ा। आज उम्मीद की एक किरण सुपरवाइजर काडर के लिए जगी है। इस पदोन्नति कोटे से फील्ड में काम करने वाले अनुभवी कर्मचारी को प्रशासनिक स्तर पर भी काम करने का अवसर प्राप्त होगा, जिससे विभाग को विभिन्न केंद्रीय अभियानों और विभागीय स्कीमों को और भी बेहतर तरीके से फील्ड में लागू करने का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि 25 प्रतिशत कोटा काडर की संख्या के आधार पर कम है, लेकिन फिर भी इसे अच्छी शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री व उच्च अधिकारियों का आभार प्रकट करते हैं।

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