अपनों तक शव पहुंचा रहे कृष्ण चंद
कोरोना काल में जहां कुछ परिवार कोरोना संक्रमित स्वजन को ह ...और पढ़ें

रणवीर ठाकुर, हमीरपुर
कोरोना काल में जहां कुछ परिवार कोरोना संक्रमित स्वजन को हाथ लगाने से भी गुरेज कर रहे हैं वहां कृष्ण चंद दिन-रात शवों को घर ला रहे हैं। इतना ही नहीं, श्मशानघाट तक ले जाने में भी मदद कर रहे हैं व अंतिम संस्कार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हमीरपुर जिला में रेडक्रास सोसायटी के एंबुलेंस चालक कृष्ण चंद पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के दौरान यह कार्य कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी कृष्ण चंद की सेवाओं को जिला प्रशासन ने बढ़ाते हुए शवों को कोविड अस्पताल से श्मशानघाट पहुंचाने का काम सौंपा है जिसे कृष्ण चंद बखूबी निभा रहे हैं।
कृष्ण चंद को आज तक न तो प्रशस्ति पत्र मिला है और न ही कोरोना योद्धा के तौर पर नवाजा गया है, जिसका कृष्ण चंद को मलाल है। कृष्ण चंद कहते हैं कि वह 20 साल से रेडक्रास सोसायटी में बतौर एंबुलेंस चालक काम कर रहे हैं। इस दौरान संक्रमित होने का खतरा भी रहता है, लेकिन परिवार के पालन-पोषण के लिए इसका डटकर मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने मांग उठाई है कि इस महंगाई में परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए।
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कृष्ण चंद का काम सराहनीय : इंदु शर्मा
रेडक्रास सोसायटी हमीरपुर के इंचार्ज इंदु शर्मा ने बताया कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है तब से कृष्ण चंद लगातार ड्यूटी दे रहे हैं। इनका काम सराहनीय है। कोरोना के चलते प्रशासन ने एंबुलेंस को शव वाहन में तबदील कर दिया था। अब तक 60 से अधिक शवों को घर तक पहुंचा चुके हैं।
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क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
हमीरपुर निवासी सुदर्शन पटियाल ने बताया कि पिछले आज के समय में कोरोना होने पर समाज और परिवार के लोग भी किनारा कर रहे हैं। कृष्ण चंद कभी टांडा तो कभी नेरचौक से शव लेकर आते हैं। सरकार को कृष्ण चंद को कोरोना योद्धा के तौर पर सम्मानित करना चाहिए और सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए। एक अन्य हमीरपुर निवासी कृष्ण सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बतौर चालक कृष्ण चंद बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं। सरकार को इन्हें स्थायी नौकरी देनी चाहिए।

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