हिमाचल सरकार चुनावी वादों को पूरा करने में असफल, बीजेपी ने पंचायतीराज चुनाव में देरी करने का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने पंचायतीराज चुनावों में देरी का भी आरोप लगाया और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया। सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
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भाजपा का हिमाचल कांग्रेस सरकार पर हमला।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। जिला भाजपा ने प्रदेश सरकार पर पंचायतीराज चुनाव में देरी करने और 805 प्रधानाचार्यों की पदोन्नति लटकाने का आरोप लगाया।
भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर, जिला महामंत्री अजय रिंटू व जिला मीडिया प्रभारी विक्रमजीत सिंह बन्याल ने कहा कि प्रदेश सरकार चुनावी वादों को पूरा करने में असफल रही है और जनता को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पंचायतों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन का हवाला देकर सरकार पंचायत चुनाव से बचने का प्रयास कर रही है, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग 17 नवंबर को धारा 12.1 लागू कर स्पष्ट कर चुका है कि 3,577 पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों व 71 नगर निकायों की सीमांकन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है।
इसके बावजूद मंत्रिमंडल के निर्णय सरकार के चुनावी भय और टालमटोल नीति को उजागर करते हैं। 805 प्रधानाचार्यों की पदोन्नति पर सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही। विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) बनाना औपचारिकता और देरी करने का नया तरीका है।
प्रदेश के 805 स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं और वरिष्ठ शिक्षकों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। इस माह 18 और प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त होने से रिक्त पद और बढ़ जाएंगे। पदोन्नति में देरी का सबसे बड़ा नुकसान शिक्षकों को हो रहा है, क्योंकि कई योग्य शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
राकेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की राजनीतिक उदासीनता और विभागीय समन्वय की कमी से पूरी प्रक्रिया वर्षों से अटकी है। सरकार को नई डीपीसी बनाने के बजाय वरिष्ठता सूची, रिक्त पद निर्धारण और विभागीय तालमेल पर तुरंत काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही विकास कार्यों में बाधा बन गई है, जिससे जनता परेशान है।

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