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    हमीरपुर में एंबुलेंस कर्मचारियों का हल्ला बोल, शोषण के खिलाफ 24 घंटे की हड़ताल

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 12:43 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं के लगभग 1400 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हमीरपुर में एंबुलेंस कर्मियों ने न्यूनतम वेतन और शोषण के खिलाफ रोष रैली निकाली। यूनियन ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी नीतियों का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा और श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। यूनियन ने सरकार से जल्द मांगें मानने की अपील की है।

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    हमीरपुर में प्रदर्शन करते कर्मचारी, 24 घंटों तक रहेगी जारी

    जागरण संवाददाता, हमीरपुर। प्रदेश भर के लगभग 1400 कर्मचारी 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़े हुए हैं। कर्मचारियों की जारी 24 घंटे की हड़ताल के समर्थन में आज हमीरपुर जिला में भी एंबुलेंस कर्मियों ने रोष रैली निकाली।

    कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है और लगातार शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। रोष रैली के दौरान कर्मचारियों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने और कर्मचारी विरोधी नीतियों को खत्म करने की अपील की।

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    प्रदेश में 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन (संबंधित सीटू) ने सरकार और प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 24 घंटे की हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल 2 अक्टूबर रात 8 बजे से 3 अक्टूबर रात 8 बजे तक जारी रहेगी। यूनियन का आरोप है कि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत मेडसवान फाउंडेशन के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के साथ वर्षों से शोषण हो रहा है।

    वहीं सीट राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट और श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। यूनियन नेताओं पर मानसिक दबाव बनाकर उन्हें नौकरी से इस्तीफा देने या तबादला स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई कर्मचारियों को बिना कारण महीनों तक ड्यूटी से बाहर रखा जाता है।

    वहीं, छुट्टियों, ईपीएफ और ईएसआई के क्रियान्वयन में भी भारी अनियमितताएं हैं। यूनियन के जिला अध्यक्ष राजेश कुमार ने आरोप लगाया कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी से सेवाएं समाप्त होने के बाद छंटनी भत्ता, ग्रेच्यूटी और नोटिस पे जैसी सुविधाओं का भुगतान नहीं किया गया।

    कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और प्रबंधन का रवैया अड़ियल है और श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।इसी शोषण और उपेक्षा के खिलाफ कर्मचारी अब संघर्ष की राह पर हैं और 24 घंटे की हड़ताल से सरकार को चेताने का प्रयास कर रहे हैं।