Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    प्राकृतिक खेती से ललित के चेहरे पर आई लालिमा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 May 2021 09:43 PM (IST)

    देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से तैयार की गई खादों से बेहतर प

    Hero Image
    प्राकृतिक खेती से ललित के चेहरे पर आई लालिमा

    जागरण संवाददाता, हमीरपुर : देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से तैयार की गई खादों से बेहतर पैदावार कर बेहतर किसान होने का परिचय दिया हैं ललित कालिया ने। वह हरनेड गांव के निवासी हैं। करीब डेढ़ साल पहले तक वे अन्य किसानों की तरह दिनभर खेती-किसानी में लगे रहते, मगर गुजारे लायक ही पैदावार प्राप्त कर पा रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसी बीच प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के बारे में उन्हें पता चला। योजना से जुड़ने के उपरांत अब वी शुद्ध अन्न की उपज व अच्छी आय दोनों ही प्राप्त कर रहे हैं। बमसन विकास खंड के 48 वर्षीय ललित कालिया के पास लगभग 25 कनाल जमीन है, जिसमें ये परंपरागत तरीके से गेहूं व मक्की की फसल उगाते थे। सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती योजना के तहत कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में पद्मश्री सुभाष पालेकर के साग्निध्य में चार से 10 जून, 2019 तक आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लिया। 30 हजार रुपये अनुदान राशि पर डबवाली मंडी पंजाब से एक देसी गाय भी लेकर आए। प्रारंभ में 10 कनाल जमीन में प्राकृतिक तरीके से गेहूं, मटर, चना, सरसों, धनिया व मेथी की खेती की। वे बताते हैं कि मटर, धनिया, मेथी की उपज से उन्हें 20 से 25 हजार रुपये तक मुनाफा हुआ। कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत संसाधन भंडार चलाने के लिए ललित कालिया को दस हजार रुपये अनुदान राशि प्रदान की गई है। अब वे संसाधन भंडार से जरूरतमंद व ऐसे किसान जो स्थानीय गाय नहीं पाल सकते, उन्हें खाद व देसी दवा तैयार कर उपलब्ध करवा रहे हैं।

    ---------------

    क्या कहते हैं ललित

    ललित कालिया कहते हैं कि आतमा परियोजना उन जैसे किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। परियोजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शन प्लाट, फार्म स्कूल, कृषक समूह, किसान मेला, किसान गोष्ठी, भ्रमण इत्यादि के माध्यम से जागरूक एवं प्रशिक्षित किया जाता है। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना अपनाकर किसान जहरमुक्त खेती को बढ़ावा देते हुए न केवल अपने लिए शुद्ध अन्न पैदा कर सकता है, बल्कि अच्छी पैदावार से आमदनी भी कई गुणा बढ़ा सकता है।

    --------------------

    जिला हमीरपुर में लगभग 8000 किसान इस पद्धति से जुड़ चुके हैं और बहुत ही कम लागत में बेहतर पैदावार लेकर अपने परिवार की आर्थिकी बढ़ा रहे हैं।

    -डा. नीति सोनी, परियोजना निदेशक आतमा

    -----------------

    प्रदेश सरकार की ओर से किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के जिला में समयबद्ध व त्वरित क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं। सभी किसान सरकार की इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

    -देबाश्वेता बानिक, उपायुक्त हमीरपुर