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    सर! हिंदी जरूर होगा

    हिंदी दिवस पर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की टिप्पणी, बोले हिंदी को सरकारी कामकाज में लागू करने की शुरुआत की थी। मेरा आज भी मानना है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

    By Neeraj Kumar AzadEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2016 02:05 PM (IST)

    -शांता कुमार
    बात 1977-78 की है। मैं नया नया मुख्यमंत्री बना था। हिंदी के लिए प्रेम तो था ही। शिक्षा मंत्री बनाए गए मेरे जेल के दिनों के ही मित्र दौलत राम चौहान। दो तीन मंत्री बैठे और विचार किया कि विधानसभा का अधिवेशन है, कुछ नई घोषणा करनी चाहिए। इस क्रम में एक विचार तो यह आया कि ढाई से तीन एकड़ जमीन वालों का मालिया माफ किया जाएगा और दूसरी घोषणा यह थी कि सारा कामकाज हिंदी में किया जाए। तब पूर्वोत्तर के रहने वाले श्री टोचवांग मुख्य सचिव थे। उनको बुलाया तो वह एक दम सीट से उठ कर खड़े हो गए और बोले, 'सर, दिस इज इंपॉसिबल, यह नहीं हो सकता।Ó उनका कहना था कि सारे टाइपराइटर अंग्रेजी में हैं और नए टाइपराइटर खरीदने के लिए सरकार के पास बजट नहीं है।
    मैं नया नया मुख्यमंत्री बना था, सन्न रह गया। विचार चलता रहा। फिर मैंने दौलत राम चौहान से कहा, ' मैं मुख्यमंत्री हूं, आप शिक्षामंत्री हैं। अब देखा जाए जो होना है। मैं घोषणा कर ही दूंगा।Ó
    अगले दिन हमने विधानसभा में घोषणा कर दी। अगले दिन दफ्तर पहुंचे तो पता चला, मुख्य सचिव अवकाश पर हैं। मुझे लगा शायद वह नाराज हो गए हैं। मुझे लगा पता करवाया जाना चाहिए, ऐसे तो काम कैसे चलेगा। मेरे एक अत्यंत करीबी मित्र थे जिन्होंने सलाह दी कि एक दो दिन देख लेते हैं। मुख्य सचिव दूसरे दिन भी अवकाश पर रहे। तीसरे दिन वह आए। उनकी आदत थी कि सैन्य पृष्ठभूमि से होने के कारण आते ही सैल्यूट करते थे। उस दिन भी आए और कड़क सैल्यूट करके बोले, 'सर। हिंदी होगा। हिंदी जरूर होगा।Ó मैंने पूछा कि फिर टाइपराइटर और बजट का कैसे करेंगे? उनका जवाब था कि टाइपराइटर बदलने की जरूरत नहीं है, केवल की बोर्ड बदलना होगा और उतने पैसे सरकार के पास हैं। और इसके बाद ठहाकों के बीच हमने ङ्क्षहदी का प्रयोग सरकार में करना शुरू किया।
    इस तरह हमने हिंदी को सरकारी कामकाज में शुरू किया। मेरा आज भी मानना है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

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    (कांगड़ा से लोकसभा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जैसा नवनीत शर्मा को बताया।)