Move to Jagran APP

स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति ला रही सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा

सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा दुर्गम इलाकों के लोगों को जीवन की नई राह भी दिखा रही है। अनुराग ठाकुर का दावा है कि वह 2026 तक मेडिकल वैन के माध्यम से प्रदेश के 21 लाख लोगों तक मुफ्त में जांच सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 27 Apr 2022 02:29 PM (IST)Updated: Wed, 27 Apr 2022 02:29 PM (IST)
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति ला रही सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति ला रही सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा। फाइल

डा. महेश वर्मा। आमतौर पर बड़े शहरों के निवासी पहाड़ों को केवल एक दिल बहलाने की जगह के रूप में देखते हैं। एक ऐसी जगह जहां कुछ समय के लिए जाकर वे अपनी थकान दूर कर सकें और फिर लौट कर अपनी उसी दिनचर्या में रम जाएं। क्या हमने कभी सोचा है कि जिन स्थानों को हम अपनी शांति और मनोरम परिवेश के लिए पसंद करते हैं वहां रहने वालों का जीवन कितना कठिन होगा? पैदल पहाड़ी की चोटी तक सामान ढोकर ले जाने वाले गांववासी किसी इमरजेंसी में क्या करते होंगे? किसी बीमार को जरूरत पड़ने पर कैसे अस्पताल लेकर जाते होंगे? क्या उनके जीवन को आसान बनाने और किसी बीमारी की स्थिति में मदद पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं है?

loksabha election banner

पिछले दिनों मैं हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गया था। वहां की तस्वीर कुछ बदली हुई नजर आई। यह अहसास भी हुआ कि अगर नए विचारों को प्रयोग में लाने का साहस हो, लोगों की मदद करने की सच्ची निष्ठा हो तो कठिन हालात भी बदले जा सकते हैं और लोगों का जीवन स्तर भी। हिमाचल प्रदेश में लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में अद्भुत सफलता हासिल कर रही सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा भी इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह सेवा केवल रोग का इलाज ही नहीं कर रही, बल्कि दुर्गम इलाकों के निवासियों को जीवन की नई राह भी दिखा रही है। जैसे-नैना देवी गांव की एक महिला ने कैंसर के चलते अपनी 17 वर्षीय बेटी को खोने के सदमे के कारण खाना-पीना छोड़ दिया था। वह अपना जीवन समाप्त कर देना चाहती थी। मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की टीम ने न सिर्फ उसे दुख को ङोलने की हिम्मत दी, बल्कि आगे कुछ करने की सलाह भी दी। आज वह महिला पूरे गांव के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

दरअसल बुनियादी ढांचे के विकास और सुविधाओं के विस्तार के जरिये पहाड़ों पर कठिन जीवन में बदलाव लाना बेहद खर्चीला और मुश्किल भरा काम होता है। शायद इसीलिए बीते वर्षो में पहाड़ और पहाड़ के लोग प्राथमिकता प्राप्त करने में पीछे रहे। पहले हिमाचल की दूरदराज की पहाड़ियों में किसी का बीमार होना जैसे अभिशाप था। इलाज के लिए अस्पताल की दूरी और खर्च कई लोगों की जान जाने की वजह बन जाती थीं, लेकिन सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा आरंभ होने के चलते अब यह स्थिति बदली नजर आ रही है।

स्थानीय लोगों से पूछताछ द्वारा पता चला कि सांसद अनुराग ठाकुर ने 14 अप्रैल, 2018 को इस योजना को शुरू किया था। उन्होंने इसकी शुरुआत सबसे पहले तीन मेडिकल वैन से की थी, जो लोगों के दरवाजे पर जाकर उनकी जांच, परामर्श और इलाज कर नि:शुल्क दवाएं देती हैं। वर्ष 2018 में तीन मेडिकल वैन से शुरू हुए अस्पताल के बेड़े में आज 32 गाड़ियां जुड़ चुकी हैं। आज हिमाचल के सात जिले, 23 विधानसभा क्षेत्र, 1350 से ज्यादा पंचायतें और 6400 से ज्यादा गांव इस अनूठी सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। बीते चार वर्षो में इस मोबाइल अस्पताल योजना के तहत करीब 7,151,32 लोगों को उनके घर-द्वार पर ही मुफ्त जांच, सलाह और उपचार कर एक रिकार्ड कायम करने का काम किया गया है।

सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की सफलता की सबसे बड़ी वजह है इसका प्रबंधन। इसकी निगरानी स्वयं सांसद अनुराग ठाकुर करते हैं। जिससे इसे एक बेहद सुनियोजित और लक्ष्य केंद्रित रखने में मदद मिली है। इसके साथ यह मोबाइल स्वास्थ्य सेवा स्वास्थ्य की सभी आधुनिक जांच सुविधाओं, आवश्यक दवाओं, नर्स और डाक्टर से लैस रहती है। असल में पहाड़ में इलाज की मुश्किलों से जूझते परिवार से आने वाले सांसद अनुराग ठाकुर की इस योजना को लेकर भावनात्मक लगाव और सजगता भी इसकी सफलता का एक कारण है।

इन मेडिकल वैन में डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलाजी लैब की भी व्यवस्था है। इसमें लिपिड प्रोफाइल, एलएफटी, केएफटी, शुगर, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी जैसे अलग-अलग 40 प्रकार के टेस्ट की सुविधा है और उनकी दवाएं भी मौजूद रहती हैं। कोरोना के दौरान इन मोबाइल वैन से कोविड-19 का टेस्ट भी किया गया। इस मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के 65 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं और बुजुर्ग हैं। इन मेडिकल वैन पर जो कर्मचारी तैनात किए गए हैं उनमें 50 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारी महिलाएं हैं। यानी यहां भी महिला सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

खास बात है कि इस चलते-फिरते अस्पताल में सामान्य बुखार के इलाज से लेकर स्तन कैंसर तक की जांच हो रही है। जब देश कोविड संकट से गुजर रहा था उस दौरान भी ये मेडिकल वैन हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के विधानसभाओं में दौड़ रही थीं। इसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी मदद मिली। कोविड में मोबाइल स्वास्थ्य सेवा लोगों के लिए वरदान साबित हुई। इसने पहाड़ी राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति ला दी है। स्थानीय निवासियों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता को दूर कर दिया है। कभी उन्हें घंटों बिताकर अस्पताल पहुंचना पड़ता था। आज अस्पताल खुद उनके दरवाजे पर आ रहा है। यह मोबाइल स्वास्थ्य सेवा दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है। इस सफलता के कारण ही देश भर के कई सांसद इस माडल को अपने यहां अपना रहे हैं। 

[स्वास्थ्य विशेषज्ञ]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.