Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal: निराश्रित बच्चों की देखभाल करेगी हिमाचल सरकार, बांटेगी पात्रता प्रमाण पत्र; मिला करेंगे इतने रुपए

    By neeraj vyasEdited By: Prince Sharma
    Updated: Sat, 28 Oct 2023 06:45 AM (IST)

    Himachal बाल विकास परियोजना अधिकारियों को 31 अक्टूबर तक सभी पात्र निराश्रित बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र वितरित करने के निर्देश दिए हैं ताकि सुखाश्रय योजना के तहत निराश्रित बच्चे लाभांवित हो सकें। पंचायत स्तर पर निराश्रित बच्चों का डाटा एकत्रित किया है तथा उसी के आधार पर 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।

    Hero Image
    Himachal: निराश्रित बच्चों की देखभाल करेगी हिमाचल सरकार, बांटेगी पात्रता प्रमाण पत्र; मिला करेंगे इतने रुपए

    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा है कि जिले में 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों को 31 अक्टूबर तक सभी पात्र निराश्रित बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र वितरित करने के निर्देश दिए हैं ताकि सुखाश्रय योजना के तहत निराश्रित बच्चे लाभांवित हो सकें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपायुक्त डा. निपुण ने कहा कि 22 अक्टूबर को शाहपुर में जिलास्तरीय सुखाश्रय योजना की लांचिंग की गई थी। पंचायत स्तर पर निराश्रित बच्चों का डाटा एकत्रित किया है तथा उसी के आधार पर 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।

    उपायुक्त ने बताया कि 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ समाज का सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और संस्थागत लाभ प्रदान करने का प्रविधान किया गया है। सभी संस्थागत निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रतिमाह सावधि जमा करने का प्रविधान किया गया है।

    इसमें शून्य से 14 वर्ष के लिए एक हजार रुपये प्रतिमाह, 15 से 18 वर्ष के लिए 2500 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा भत्ता तय किया है। जिला में चालू वित्त वर्ष में सामाजिक सुरक्षा भत्ता के तहत छह लाख 24 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।

    पालना देखरेख भत्ता भी मिलेगा

    उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि संस्थागत देखभाल के बाद जो बच्चे 18 वर्ष की आयु पूरी करने बाद देखभाल संस्थान छोड़ते हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करने की सुविधा के लिए प्रतिमाह चार हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

    जिला में चालू वित्त वर्ष के लिए पालना देखरेख भत्ता के तहत चार लाख 32 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए बच्चों के भूमिहीन होने पर तीन विस्वा भूमि प्रदान करने का प्रविधान है। इसके साथ ही आवास सुविधा के लिए तीन लाख के अनुदान का भी प्रविधान है।

    यह भी पढ़ें- Manali-Leh Highway: खिली धूप के बीच बारालाचा दर्रे से आर-पार हुए 346 वाहन, साफ मौसम के बीच गाड़ियों की आवाजाही शुरू

    comedy show banner