पूर्व मंत्री किशन कपूर का निधन, 74 साल की उम्र में ली आखिरी सांस; पढ़ें उनका राजनीतिक सफर
पूर्व मंत्री और कांगड़ा के सांसद किशन कपूर का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। किशन कपूर ने 74 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। किशन कपूर ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक लंबी पारी खेली और हमेशा धर्मशाला के विकास के लिए आवाज उठाई। वह पांच बार विधायक दो बार मंत्री और एक बार सांसद रहे।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। पूर्व मंत्री व कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद किशन कपूर का बीमारी से निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। अपने पीछे पत्नी, बेटा व बेटी छोड़ गए हैं। पिछले कुछ समय से वह पीजीआई चंड़ीगढ़ में उपचाराधीन थे।
उन्होंने राजनीति की लंबी पारी खेली और हमेशा धर्मशाला के विकास की लड़ाई लड़ी और सदन में आवाज बुलंद की। धर्मशाला के मुद्दों को उठाने वाली यह आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। किशन कपूर पांच बार विधायक, दो बार मंत्री और एक बार सांसद रहे।
हार गए थे पहला चुनाव
किशन कपूर ने अपना पहला चुनाव 1985 में लड़ा था। यह चुनाव वह हार गए थे। वर्ष 1990 में पहली बार विधायक बने। 2008 व 2017 में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे जबकि 2019 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद बने।
वर्ष 2008 से 2012 प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में परिवहन, जनजातीय मंत्री रहे। वर्ष 2017 से 2019 तक जयराम सरकार में उद्योग, परिवहन व शहरी विकास मंत्री रहे। 2019 से 2024 तक कांगड़ा के सांसद बने।
बीजेपी के वरिष्ठ सदस्य थे किशन कपूर
किशन कपूर राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के वर्ष 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड मतों के अंतर से सीट जीती थी। उन्होंने 4.77 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी जो पूरे देश में 72.2 फीसद के साथ दूसरा सबसे बड़ा मतदान प्रतिशत है। कपूर का राजनीति में लंबा इतिहास रहा है और वे अपेक्षाकृत कम उम्र में ही सक्रिय राजनीति में आ गए थे।
हरिराम व गुलाबो देवी के घर पैदा हुए थे किशन कपूर
किशन कपूर का जन्म 25 जून 1952 को हरि राम व गुलाबो देवी के घर खनियारा में हुआ था। किशन कपूर का विवाह रेखा कपूर से हुआ था। जिनके दो बच्चे प्रगति कपूर बेटी व शाश्वत कपूर है।
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किशन कपूर का राजनैतिक सफर
- 1970 जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने
- 1978 युवा मोर्चा सचिव
- 1980 भाजपा के गठन में भाग लिया
- 1982-1984 मंडल अध्यक्ष भाजपा धर्मशाला
- 1985 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में पहला विधायक चुनाव लड़ा
- 1990 भाजपा के विधायक के रूप में धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया
- 1993 धर्मशाला से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे
- 1993-97 विधानसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त
- 1994 भाजपा हिमाचल प्रदेश राज्य कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त
- 1995-97 कांगड़ा जिला भाजपा अध्यक्ष रहे
- 1996 मणिपुर संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा चुनाव प्रभारी नियुक्त
- 1998 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार जीते
- 1998 परिवहन, जनजातीय विकास, मुद्रण एवं लेखन सामग्री तथा विधि मंत्री के रूप में शपथ ली
- 2003 धर्मशाला से चुनाव लड़े और हार गए
- 2004 भाजपा हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रवक्ता नियुक्त
- 2007 धर्मशाला से चौथी बार जीते
- 2008 परिवहन, शहरी विकास, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री के रूप में शपथ ली
- 2009 विभाग बदलकर उद्योग, श्रम एवं रोजगार तथा सैनिक कल्याण मंत्रालय कर दिया गया
- 2012 धर्मशाला से चुनाव लड़ा और हार गए
- 2017 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से पांचवीं बार जीते
- 2017 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा चुनाव मंत्री के रूप में शपथ ली
- 2019 पूरे देश में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के रिकॉर्ड अंतर से पहली बार कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए।
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