पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर दौड़ेंगे नए रेल इंजन
पठानकोट-जो¨गदर नगर रेल ट्रैक पर जल्दी ही चार से पांच नए डीजल इंजन उतारे जाएंगे।
बैजनाथ, जेएनएन। पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक से बूढ़े रेल इंजन हटाए जाएंगे और उनकी जगह चार से पांच नए इंजन दौड़ेंगे। रोलिंग स्टोन मशीनरी रेलवे को इस बाबत प्रस्ताव दिया था और इसकी मंजूरी मिलने के बाद इंजनों का बनाने का काम मुंबई में जारी है। यह बात उत्तर रेलवे के डिविजिनल मैनेजर राजेश अग्रवाल ने रविवार को पपरोला रेलवे स्टेशन में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा, स्टीम इंजन धरोहर है और 1952 में इसका निर्माण हुआ था।
बकौल अग्रवाल, उन्होंने खुद स्टीम इंजन की सवारी की है और इसका उद्देश्य सिर्फ यही था कि इस स्टीम इंजन में अभी कितनी सुधार की कितनी जरूरत है। कांगड़ा रेलवे स्टेशन को हेरिटेज की तरह तैयार किया जा रहा है और यहां कांगड़ा की संस्कृति और पेंटिंग को दर्शाने के लिए म्यूजियम बनाया जाएगा ताकि कांगड़ा घाटी में घूमने के लिए आने वाले पर्यटक संस्कृति से रूबरू हो सकें। यात्री किराया बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। स्टेशनों में सफाई की व्यवस्था भी उपयुक्त है।
उन्होंने बताया कि पठानकोट के बाद नूरपुर स्टेशन का दौरा किया और इसके बाद ज्वालामुखी, कांगड़ा, नगरोटा बगवां और पालमपुर पहुंचे थे। राकेश अग्रवाल ने कहा कि स्टेशनों की सफाई व्यवस्था बेहतर है। बकौल अग्रवाल, रेल कर्मचारी विभाग की रीढ़ है और रेलवे के विकास में उनका काफी योगदान है। कहा कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां रेलगाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी रेलवे में और सुधार की जरूरत है और कमियों को जल्द दूर किया जाएगा।

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