World Heart Day नशा करने वाले युवाओं में हृदयाघात का खतरा बढ़ा
जीवन के सबसे मूल्यवान और सबसे सक्रिय अवस्था से गुजर रहे युवा भी अब हृदय की बीमारियों से अछूते नहीं रहे हैं। हृदय की बीमारियों के कारण अब युवाओं और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में हृदयाघात (हार्ट अटैक) के मामले देखने को मिल रहे हैं।
रामेश्वरी ठाकुर, शिमला। जीवन के सबसे मूल्यवान और सबसे सक्रिय अवस्था से गुजर रहे युवा भी अब हृदय की बीमारियों से अछूते नहीं रहे हैं। हृदय की बीमारियों के कारण अब युवाओं और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में हृदयाघात (हार्ट अटैक) के मामले देखने को मिल रहे हैं। जाहिर है कि अब केवल अधिक कोलेस्ट्राल, बीपी, शुगर, अधिक वजन के लोग ही पीडि़त नहीं हो रहे हैं। इसका बड़ा कारण अत्याधिक नशा करना है।
प्रदेश में हर साल पांच से 10 युवाओं को हृदयाघात होता है और अस्पताल पहुंचते हैं और इसका मुख्य कारण नशे का लगातार सेवन करना है। दूसरी ओर प्रदेश भर में हर साल 5000 से 6000 हृदयाघात के मरीज पाए जाते हैं। इसमें 30 से लेकर अधिक उम्र के लोग शामिल होते हैं। आइजीएमसी शिमला के कार्डियोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. राजीव मरवाह का कहना है कि युवाओं में दिल की बीमारियां होना गंभीर ङ्क्षचता का विषय है। नशे के कारण छोटी उम्र होने के कारण भी युवाओं में हार्ट अटैक जैसी बड़ी समस्या देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि लोगों की बिगड़ती जीवनशैली हृदय रोगों का बड़ा कारण है। शारीरिक श्रम न के बराबर रह गया है और लोग घर के बने खाने की बजाय बाजार से जंक फूड खाना अधिक पसंद करते हैं। वहीं कामकाज में दिनभर बैठे रहना और व्यायाम न करना कई बीमारियों को बुलावा देता है। उनका कहना है कि लोगों को अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि वे स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें। हृदय की बीमारियों की रोकथाम के लिए बीपी, शुगर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, डायबिटीज, धूमपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन से दूरी बनाना हृदय रोगों से बचा सकता है।
हृदय रोगों से कैसे बचें
डायबिटिज और हाइपरटेंशन के मरीज शुगर तथा ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें। सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम जरूर करें। तंबाकू सहित किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करें। वसायुक्त भोजन का सेवन न करें। ताजे फल, हरी सब्जियों का सेवन करें। चिकनाई युक्त पदार्थ न खाएं। रचनात्मक व मनोरंजक कार्यों से तनाव दूर करें।