निजी दवा कंपनी पर डॉक्टर मेहरबान
मुकेश मेहरा, पालमपुर सरकार डॉक्टरों को अस्पतालों में जेनरिक दवाएं लिखने का आदेश दे रही
मुकेश मेहरा, पालमपुर
सरकार डॉक्टरों को अस्पतालों में जेनरिक दवाएं लिखने का आदेश दे रही है लेकिन चिकित्सकों का प्राइवेट दवा कंपनियों के प्रति मोह नहीं छूट रहा है। ऐसा ही मामला पीएचसी जय¨सहपुर में सामने आया है। यहां मरीजों को जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं लिखी जा रही हैं। खास बात यह है कि एक ही कंपनी से संबंधित दवाएं बताई जा रही हैं। दैनिक जागरण के हाथ लगी पर्चियां इसकी पुष्टि कर रही हैं। जय¨सहपुर अस्पताल में जिस तरह से ब्रांडेड दवाएं लिखी जा रही हैं, उससे यह साफ हो गया है कि डॉक्टर सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। एक ओर सरकार 360 दवाएं अस्पतालों में उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर डॉक्टर जिस तरह से एक ही कंपनी के दवाएं लिख रहे हैं उससे सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगता है। इस मामले में संबंधित डॉक्टर का कहना है कि वह केवल हाईकमान को ही जवाबदेह है।
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पर्ची ऑडिट कागजों में ही
पूर्व सरकार ने ब्रांडेड दवाओं पर नकेल कसने के लिए डॉक्टरों की ओर से लिखी गई पर्चियों का ऑडिट करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस तरह की प्रक्रिया होती नहीं दिख रही है। इसका नतीजा है कि बिना किसी डर के ब्रांडेड दवाएं लिखने से डॉक्टर परहेज नहीं कर रहे हैं।
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लोगों को जागरूक होने की जरूरत
सरकार तो अस्पतालों से दवाएं देने के लिए आए दिन आदेश देती है, लेकिन लोगों को जागरूक करने के बारे में पुख्ता कार्रवाई नहीं हो पाती है। आम लोगों को दवाओं की सही जानकारी भी नहीं होती है। इस कारण डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं लोग वही लेते हैं।
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'पर्ची पर लिखी गई दवाएं ब्रांडेड हैं। यह एक कंपनी की हैं या नहीं यह जांच के बाद ही बता सकता हूं।'
-आरएस राणा, सीएमओ, कांगड़ा
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