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    Dalai Lama 90वें जन्मदिन से पहले बोले, अभी 30 से 40 साल और जीवित रहूंगा, 3 बजे स्नान से शुरू होती है दिनचर्या

    Dalai Lama धर्मशाला में दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित रहेंगे। दलाई लामा ने उत्तराधिकारी की घोषणा पर विराम लगाते हुए कहा कि वे 30-40 साल और जीवित रहेंगे। उनके स्वस्थ रहने का राज ध्यान योग और सुबह की सैर है।

    By dinesh katoch Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Sat, 05 Jul 2025 03:32 PM (IST)
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    बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा रविवार को जन्मदिन मना रहे हैं।

    जागरण टीम, धर्मशाला। Dalai Lama, बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने जन्मदिन से एक दिन पहले शनिवार को उत्तराधिकारी की घोषणा के बारे में चल रही अफवाहों पर विराम लगा दिया। मैक्लोडगंज स्थित दलाई लामा मंदिर में उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वे लोगों की सेवा करने के लिए 30-40 साल और जीवित रहेंगे। दलाई लामा रविवार को 90वां जन्मदिवस मना रहे हैं। धर्मगुरु दलाई लामा की जन्मतिथि पर मुख्य बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज में विशेष कार्यक्रम हो रहा है। इसमें शामिल होने के लिए देश सहित विदेश से भी उनके अनुयायी मैक्लोडगंज पहुंच चुके हैं।

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    केंद्रीय मंत्री व अरुणाचल के सीएम रहेंगे उपस्थित

    रविवार को दलाई लामा की 90वीं जन्मतिथि मनाने की तैयारी है। इस दौरान तिब्बती बौद्ध परम्परा के चारों प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित रहेंगे।

    आज भी सुबह तीन बजे उठते हैं दलाई लामा

    दलाई लामा इस उम्र में भी स्वस्थ हैं। वह कई बार कह चुके हैं कि वह अभी कम से कम 20 साल और जीवित रहेंगे। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने 30 से 40 साल तक जीवित रहने की बात कही। वह कहते हैं कि वह अभी भी इस उम्र में कुश्ती व मुक्केबाजी का दम रखते हैं। उनके स्वस्थ रहने का राज ध्यान, योग और सुबह की सैर है। वह सुबह तीन बजे उठते हैं। स्नान के बाद योग करते हैं। नाश्ते के बाद छह से नौ बजे तक ध्यान और प्रार्थना करते हैं। प्रतिदिन सुबह नौ बजे के बाद बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन करते हैं।

    उत्तराधिकारी की स्थिति हो चुकी है स्पष्ट 

    इस सबके बीच दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति भी स्पष्ट हो चुकी है। निर्वासित तिब्बती सरकार और बौद्ध परम्परा प्रमुख सहित भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन का कोई दखल नहीं होगा।

    भारत ने भी दी पहली प्रतिक्रिया 

    अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कहा है कि दलाई लामा को छोड़कर कोई दूसरा उनके उत्तराधिकारी को नहीं चुन सकता। उत्तराधिकारी मामले पर भारत ने यह पहली प्रतिक्रिया दी है। दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन नियमों और कायदों की दुहाई दे रहा है। 

    छह जुलाई 1935 को पूर्वी तिब्बत में हुआ था जन्म

    14वें दलाई लामा तेजिंन ग्यात्सो का जन्म छह जुलाई 1935 को पूर्वी तिब्बत में हुआ था। चीन सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण उन्हें तिब्बत छोड़ना पड़ा था। वह 31 मार्च 1959 को भारत आए थे। उसके बाद से वह हिमाचल के जिला कांगड़ा के मैक्लोडगंज में रहकर तिब्बती की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।