Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समय का सदुपयोग ही उन्नति का आधार

    By Edited By:
    Updated: Wed, 23 Sep 2015 06:05 AM (IST)

    संत कबीर कहते हैं कि कल करे सो आज कर आज करे सो अब। पल में परलय होएगी बहुरि करेगा कब यानी हमें जो कार

    संत कबीर कहते हैं कि कल करे सो आज कर आज करे सो अब। पल में परलय होएगी बहुरि करेगा कब यानी हमें जो कार्य कल करना है उसे आज ही कर लेना चाहिए और जो आज करना है उसे अभी या उसी समय पूरा कर लेना चाहिए। समय क्षणभंगुर है और अगले ही पल कुछ भी संभव है। समय चलायमान है और वह किसी का इंतजार नहीं करता। जो समय के साथ चलता है सफलता उसके कदम चूमती है। कार्य की सफलता के लिए किसी प्रकार के समायोजन का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता है। उन्नति के लक्ष्य को किसी भी प्रकार के समायोजन से हासिल नहीं किया जा सकता है। केवल निर्धारित राह पर चलकर ही इसे पूरा किया जा सकता है। जो भी व्यक्ति किसी प्रकार के समायोजन से अपने कार्यसिद्ध करने का प्रयास करता है वह लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग ही भटक जाता है। समय के सदुपयोग से सफलता के साथ धन वैभव और सुख शाति मिलती है। समय का सदुपयोग ही उन्नति का एकमात्र आधार है। हमारा हर क्षण एक दिन है और प्रत्येक दिन अपने आपमें एक जीवन खंड है इसलिए हमें एक-एक पल का सदुपयोग करना चाहिए। इतिहास में भी ऐसे कई उदाहरण हैं जिनसे समय के सदुपयोग की महत्ता स्पष्ट होती है। समय के सदुपयोग का अर्थ है उचित उपयोग। यानी किसी वस्तु या कार्य को सुनियोजित ढंग से उपयोग करना ही उसका सदुपयोग कहलाता है। जिन्होंने समय का जीवन में एक-एक क्षण को समझा है वह इस संसार में महान कार्य कर पाए हैं। समय ही वह कसौटी है जिस पर मानव जीवन को परखने से उसकी सफलता और विफलता की परीक्षा होती है, इसलिए समय का सदुपयोग करना हर समझदार व्यक्ति का कर्तव्य है। एक बार अगर समय हाथ से निकल जाए तो फिर दोबारा वापस नहीं आता है इसलिए मानव को लक्ष्य की पूर्ति के लिए समय का सदुपयोग करते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    -नीलम राणा, प्रधानाचार्य

    पारस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भवारना

    (जैसा शिवालिक नरयाल को बताया)

    .....................

    'जो लोग समय की गति को नहीं जानते हैं वह समय के महत्व को नहीं समझते। जो समय को नष्ट करता है समय उसे नष्ट कर देता है। समय बीतने पर व्यक्ति केवल पश्चाताप करता ही रह जाता है, इसलिए समय का समायोजन नहीं सदुपयोग करना चाहिए।'

    -कीर्ति, छात्रा

    .......................

    'जीवन में यदि किसी वस्तु की हानि होती है तो उसकी क्षतिपूर्ति की जा सकती है लेकिन समय की क्षति पूर्ति कभी भी संभव नहीं हो सकती। समय एक ईश्वरीय वरदान है। लक्ष्य के लिए किसी समायोजन के लिए कोई स्थान ही नहीं है।'

    -अर्चिता मल्होत्रा, छात्रा

    ........................

    'मेरे विचार से समय के सदुपयोग से सफलता, धन, वैभव और सुख-शाति मिलती है। समय का सदुपयोग ही जीवन की उन्नति का आधार है। इसमें किसी प्रकार के समायोजन के लिए कोई स्थान ही नहीं है।'

    -मानवी गुलेरिया, छात्रा।

    ..................

    'मेरे विचार से विद्यार्थी जीवन में समयबद्धता का बहुत महत्व होता है न कि किसी प्रकार के समायोजन का। समय के सदुपयोग की आदत डालने से व्यक्ति जीवनभर समयबद्ध रहता है। यही सफल जीवन की कुंजी है।'

    -अभय डढवाल, छात्र।