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सिंघी राम व राही मामले में पेशी अब 21 मार्च को

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पूर्व मंत्री सिंघी राम व तीन अन्य लोगों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार व जाल

By Edited By: Published: Sat, 03 Jan 2015 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jan 2015 07:48 PM (IST)
सिंघी राम व राही मामले में पेशी अब 21 मार्च को

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पूर्व मंत्री सिंघी राम व तीन अन्य लोगों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार व जालसाजी के मामले में धर्मशाला की विशेष अदालत में सुनवाई अब 21 मार्च को होगी। शनिवार को इस मामले की सुनवाई थी व इसमें प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बीआर राही उपस्थित हुए।

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इस मामले को रद करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 21 नवंबर, 2014 को याचिका दायर की गई थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। उस समय प्रदेश सरकार ने सरकारी वकील के माध्यम से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत इस मामले को वापस लेने के लिए अदालत में याचिका दायर की। इस धारा के तहत सरकार किसी ऐसे मामले को वापस ले सकती है, जिसमें सार्वजनिक हित शामिल हो। सरकारी वकील ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला अधिक मजबूत नहीं है तथा सरकार इसे वापस लेना चाहती है लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद इस मामले में शनिवार को धर्मशाला की विशेष अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देविंद्र कुमार की अदालत में सुनवाई थी। अब 21 मार्च, 2015 को सुनवाई होगी। इस मामले में अब आरोप तय होंगे।

प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से जाली प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में पूर्व मंत्री सिंघी राम, उनकी बेटी उपमा कश्यप, पूर्व बोर्ड अध्यक्ष बीआर राही व पूर्व उप सचिव एसके मल्होत्रा के खिलाफ मामला धर्मशाला की विशेष अदालत में चल रहा है। सिंघी राम पर आरोप है कि उन्होंने 2005 में तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष बीआर राही व उपसचिव एसके मल्होत्रा की मदद से बेटी को दिल्ली के एक कॉलेज में दाखिला दिलवाने के लिए जाली मार्कशीट ली थी। यह मामला प्रदेश विजिलेंस के पास वर्ष 2008 में आया था। उस समय जांच में पाया गया था कि सिंघी राम की बेटी ने सनावर स्कूल कसौली से सीबीएसई बोर्ड से दस जमा दो की परीक्षा दी थी, लेकिन वह उत्तीर्ण नहीं हुई थी। इसके बाद दिल्ली के एक कॉलेज में उसने प्रदेश स्कूल बोर्ड की एक अंकतालिका की मदद से दाखिला लिया था। इसमें उसे 500 में से 446 अंक दर्शाए गए थे जबकि उस समय बोर्ड की परीक्षा में प्रथम आए छात्र के ही 82 फीसद अंक थे। जांच में प्रमाणपत्र में दर्शाए गए रोल नंबर को भी सही नया पाया गया था। इस मामले में जांच करते हुए विजिलेंस ने 11 मार्च 2008 को उक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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21 मार्च को होगी तीन मामलों की सुनवाई

धर्मशाला कोर्ट में 21 मार्च को सिंघी राम के मामले सहित एचपीसीए के दो मामलों को लेकर भी सुनवाई होगी। इसमें एचपीसीए को सोसायटी से कंपनी बनाने व अवैध कटान का मामला शामिल हैं।


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