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    Road Safety With Jagran: चंबा की सड़कों पर आखिर क्‍यों होते हैं इतने हादसे, RTO ओंकार सिंह ने बताई वजह

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar Sharma
    Updated: Sat, 26 Nov 2022 10:03 AM (IST)

    Road Safety With Jagran हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी जिला चंबा में सड़कें सर्पीली हैं। यहां हादसे का सबसे ज्‍यादा भय रहता है। नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। जिला में ज्‍यादातर सड़क हादसों के पीछे यही वजह रहती है।

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    जिला चंबा की सड़कों पर जरा सी चूक बड़े हादसे का कारण बन जाती है।

    चंबा, संवाद सहयोगी। Road Safety With Jagran, यातायात नियमों का उल्लंघन करना दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इनका पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। नियमों को अनदेखी करने वालों के चालान किए जाते हैं। चंबा जिला की सड़कें तेज गति के लिए नहीं बनी हैं। ऐसे में यदि कोई चालक वाहन को तेज गति चलाता है तो दुर्घटना का अंदेशा बढ़ जाता है। अधिकतर दुर्घटनाएं मानवीय भूल के कारण ही होती हैं। तकनीकी खामियों की वजह से भी दुर्घटनाएं होती हैं लेकिन ऐसे बहुत कम मामले ही सामने आते हैं। यह कहना है क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी चंबा ओंकार सिंह का। वह कहते हैं कि दूसरों की जान को जोखिम में डालने वाले लापरवाह वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित भी किए जाते हैं। दैनिक जागरण ने महा अभियान सुरक्षित यातायात में पाई गई कमियों पर उनसे बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश....

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    चंबा जिला में हर वर्ष करीब सौ से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। क्या वजह है इसकी?

    अधिकतर दुर्घटनाओं में मानवीय भूल ही सबसे बड़ा कारण है। चंबा जिला की सड़कें तेज गति के लिए नहीं बनी हैं। सड़कें सर्पीली हैं। ऐसे में तेज गति भी दुर्घटना का एक कारण है। तकनीकी कारणों से महज पांच फीसद दुर्घटनाएं ही होती हैं। इसलिए समय-समय पर चालकों को सतर्कता से वाहन चलाने की हिदायत दी जाती है।

    चंबा में एमवीआइ का पद रिक्त है। इसका कितना नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है?  

    जिला में एमवीआई का एक पद स्वीकृत है। किन्ही कारणों से यह पद रिक्त है। अतिरिक्त कार्यभार धर्मशाला के एमवीआइ देखते हैं। अभी तक इसका नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला है। चंबा में वाहनों की पासिंग व लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को समय-समय पर अंजाम दिया जा रहा है। यदि किसी तय तिथि पर पासिंग या लाइसेंस नहीं बन पाते हैं तो उसकी अगली तिथि जल्द घोषित की जाती है।

    तकनीकी कारणों से दुर्घटनाएं न हों। इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

    वाहनों में तकनीकी खामियां न रहें। इसके लिए उनकी समय-समय पर पासिंग की जाती है। पासिंग में वाहन की तकनीकी जांच की जाती है। वाहन के इंजन की स्थिति, टायर व अन्य हिस्सों सहित तमाम पहलुओं की जांच की जाती है। जांचने व परखने के बाद वाहन की पासिंग की जाती है।

    यातायात नियमों का पालन न करने वाले बिगड़ैल चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?

    बीते करीब एक वर्ष व चार माह के भीतर यातायात नियमों का पालन न करने वाले 481 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। आरटीओ कार्यालय ने 39, आरएलए चंबा में 229, पांगी में 16, सलूणी में 48, चुवाड़ी में 21, डलहौजी में 20, तीसा में 89 तथा भरमौर में 19 लाइसेंस निलंबित किए हैं।

    जो लाइसेंस निलंबित किए हैं, उनमें चालकों ने कौन-कौन से यातायात नियम तोड़े हैं?

    जिलेभर में वाहन चालकों के लाइसेंस कई कारणों से निलंबित किए गए हैं। शराब पीकर वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना सहित अन्य तरह नियमों को तोड़ने चालकों के चालान निलंबित किए। वाहन चालक नियमों का पालन करते हैं तो उन्हें इस तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

    ओवरलोडिंग भी दुर्घटना का एक कारण रहता है। इस मामले में क्या कार्रवाई की जा रही है?

    ओवरलोडिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा रही है। अधिकतर ओवरलोडिंग मेलों या यात्रा के दौरान होती है। इस दौरान 10 बस चालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल मे लाते जुर्माना किया गया। ओवरलोड बसों से सवारियां उताकर दूसरी बस में शिफ्ट किया गया था।

    चंबा में कितनी स्कूली बसें हैं। क्या सभी की फिटनेस सही है?

    चंबा में 115 स्कूल बसें पंजीकृत हैं। यहां पर बिना पासिंग के किसी भी बस को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं है। जिन बसों की पासिंग होने वाली होती है, उन्हें तय समय सीमा के भीतर पासिंग करवाने को कहा जाता है।