Manimahesh Yatra: मणिमहेश से 400 श्रद्धालुओं व स्टाफ का रेस्क्यू तेज, भरमौर NH पर जांघी में भूस्खलन से फंसे 800 लोग
Manimahesh Yatra चंबा में श्री मणिमहेश यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। डल झील से हड़सर तक 400 और जांघी में भूस्खलन के कारण 800 तीर्थयात्री फंस गए। प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू किया और सभी को सुरक्षित निकालने का लक्ष्य रखा है। भरमौर में 3200 श्रद्धालु सुरक्षित हैं और प्रशासन उन्हें मुफ्त परिवहन सेवा प्रदान कर रहा है।

जागरण संवाददाता, चंबा। Manimahesh Yatra, श्री मणिमहेश यात्रा पर गए श्रद्धालु प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं। सोमवार को डल झील से हड़सर तक फंसे 400 श्रद्धालुओं और कर्मचारियों का रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। पैदल मार्ग व मणिमहेश नाला के पुल बह जाने से रेस्क्यू अभियान काफी मुश्किल है।
वहीं चंबा से करीब 16 किलोमीटर पहले जांघी में हुए भूस्खलन के कारण 800 श्रद्धालु रातभर फंसे रहे। भारी भूस्खलन के कारण श्रद्धालु खुले आसमान में मार्ग बहाली का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशासन ने दोनों ही स्थानों पर युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू कर दिया है और सोमवार शाम तक सभी को सुरक्षित निकालने का लक्ष्य तय किया है।
पुलिस जवान व सरकारी कर्मचारियों सहित कुगती के चेले भी शामिल
डल झील से हड़सर तक के मार्ग पर अब भी 100 पुलिस जवान, 50 एनडीआरएफ, 40 एसडीआरएफ कर्मियों के साथ लंगर समितियों के सदस्य, कार्तिक स्वामी मंदिर कुगति के चेले, हड़सर-भरमौर के स्थानीय दुकानदार, 30 शिवभक्त और ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारी फंसे हुए थे।
कल शाम से चल रहा रेस्क्यू अभियान
प्रशासन ने रविवार देर शाम से ही रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। सुरक्षा बलों की टीमें लगातार श्रद्धालुओं और कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रही हैं। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर की उड़ानें करवाई जाएंगी, ताकि किसी को भी खतरे की स्थिति में फंसा न रहने दिया जाए।
रविवार सुबह निकले हैं 800 श्रद्धालु
भरमौर से चंबा की ओर रविवार सुबह निकले श्रद्धालु चंबा से 16 किलोमीटर पहले जांघी में भूस्खलन की वजह से देर रात से फंसे हुए हैं। यहां करीब 800 श्रद्धालु सड़क बंद होने के कारण रुके हुए हैं। प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की मशीनरी ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया है और रास्ता बहाल करने का काम तेज़ी से चल रहा है। सुरक्षा और राहत सामग्री की व्यवस्था भी मौके पर कर दी गई है ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
भरमौर में हैं 3200 श्रद्धालु
इस समय भरमौर में करीब 4000 श्रद्धालु सुरक्षित आश्रय लिए हुए थे, इनमें से आठ सौ श्रद्धालु रविवार सुबह ही पैदल चंबा के लिए निकल चुके थे। अब 3200 श्रद्धालु यहां रुके हैं। पिछले तीन दिनों में प्रशासन लगभग 12,000 से अधिक श्रद्धालुओं को भरमौर से सुरक्षित निकालकर चंबा रवाना कर चुका है।
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श्रद्धालुओं को फ्री परिवहन सेवा दे रहा प्रशासन
श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से निःशुल्क बस सुविधा दी जा रही है, जो श्रद्धालुओं को चंबा से नूरपुर, पठानकोट और भद्रवाह तक पहुंचा रही है। भरमौर में रुके श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं लगातार उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
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