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    चंबा में भूस्खलन से घरों पर मंडराया खतरा, कई परिवार बेघर; बस पर गिरे पत्थर, बाढ़ में फंसी रहीं कई गाड़ियां

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 08:38 PM (IST)

    चंबा जिले में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन और चट्टानें गिरने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ गांवों को खाली करा लिया गया है। चुराह के भुलीण गांव में सात घरों को खाली कराया गया है। बारिश से कृषि और बागवानी को भी नुकसान हुआ है जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।

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    चंबा में बारिश का कहर, भूस्खलन से कई घर तबाह। फोटो जागरण

    जागरण टीम, चंबा/चुवाड़ी/तीसा मेहला। जिला चंबा में बीते तीन-चार दिनों से जारी मूसलधार बारिश अब जनजीवन के लिए गंभीर संकट बन गई है। लगातार हो रही रिकॉर्ड तोड़ वर्षा के चलते जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन, पहाड़ियों के दरकने और भारी पत्थरों के गिरने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

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    नतीजतन, कई गांवों में घर जमींदोज हो गए हैं, तो कई घरों को भूस्खलन का सीधा खतरा मंडरा रहा है। इस आपदा ने ग्रामीणों की दिन की शांति और रात की नींद छीन ली है। लोग न दिन में चैन पा रहे हैं और न ही रात को सुरक्षित नींद सो पा रहे हैं। उपमंडल चुराह के चरड़ा क्षेत्र के भुलीण गांव में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। यहां भूस्खलन के चलते सात घरों को प्रशासन ने खाली करवाया है।

    प्रभावित परिवारों में अमर सिंह, अशोक कुमार, खोजू, ठाकुर दास, श्रीधर, गुरदेव और खेम राज शामिल हैं। वहीं विकास खंड चंबा के अंतर्गत कुरेणा पंचायत के गुणू गांव में भी आठ घरों को खतरे के चलते खाली कराया गया है।मुख्यालय के साथ लगती करियां पंचायत के जंजला गांव में पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से लोग डरे हुए हैं।

    यहां कई लोगों ने अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों और परिचितों के घरों में शरण ली है। इसी प्रकार, हिमगिरी क्षेत्र की ग्राम पंचायत खड़ोजात के लम्होता गांव में शिव दयाल का मकान भारी बारिश के चलते पूरी तरह से ढह गया है। सलूणी उपमंडल की ग्राम पंचायत भड़ेला के दल्यूंड गांव में लोचू राम के मकान के आगे की सुरक्षा दीवार (डंगा) गिरने से भी वहां खतरे की स्थिति बन गई है।

    भरमौर क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरोठ और खुंदेल में भी पिछले कई वर्षों से सक्रिय भूस्खलन अब और तेज हो गया है, जिससे वहां के ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।बारिश के इस प्रकोप से न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है, बल्कि कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं और सेब-बागानों में भी गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट और गहरा गया है।

    बस पर गिरे पत्थर यात्री सुरक्षित

    चंबा से भरमौर जा रही एक निजी बस पर लूणा के पास पत्थर गिरने से बड़ा हादसा होने से बाल-बाल टला है। पहाड़ी से अचानक गिर कर बस के ऊपर पहुंच गए जिनमें से एक पत्थर की चादर को चीरता हुआ अंदर पहुंच गया। लेकिन बस में सफर कर रहे सभी लोग सुरक्षित हैं। जबकि बस को काफी नुकसान हुआ है।

    बताया जा रहा है कि जिस समय बस के ऊपर पत्थर गिरने उस समय बस में करीब 15 सवारियां मौजूद थी। हालांकि ऐसे समय में चालक ने सूझबूझ कर परिचय देते हुए बस को कंट्रोल करते हुए रोक लिया। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

    सड़कें बंद होने से यातायात रहा ठप

    लगातार हो रही बारिश के चलते चंबा में 107 सड़कें बंद हो गई थी। जिस कारण इन सड़क मार्गों पर शुक्रवार को यातायात भी बंद रहा। इनमें से 86 सड़कों को विभाग ने शाम तक खोल दिया है। लोक निर्माण विभा चंबा मंडल में 18 सड़कें बंद हुई थी, जिनमें सभी सड़कों को खोल दिया है।

    डलहौजी में सात सड़कें बंद हुई थी, सभी खोल दी हैं, तीसा में 12 मार्ग बंद हुए थे, सभी खोल दिए हैं, सलूणी में 20 मार्ग बंद हुए थे जिनमें से 18 को खोल दिया है, दो अभी भी बंद हैं। जबकि सबसे से अधिक 31 सड़कें भटियात में बंद हुई थी, जिनमें से 14 सड़कें खोल दी हैं, वहीं 17 मार्ग अभी भी बंद हैं।

    चंबा भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन होने से कुछ समय के लिए वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई, लेकिन एनएच प्रबंधन ने मशीनरी लगा कर एनएच को बहाल कर दिया है।

    डुघली के पास नाले में आई बाढ़ बहने से बचे कई वाहन

    चंबा जोत मार्ग पर डुघली नाले के जल स्तर एकाएक बढ़ गया, जिस कारण कई वाहन बीच में ही फंस गए। वहीं, वाहनों के माध्यम से जा रहे लोग भी काफी समय तक वहीं पर फंसे रहे। अगर नाले में पानी की बहाव कम न होता तो दिक्कत ओर भी बढ़ सकती थी।

    लेकिन कुछ समय बाद पानी का बहाव कम हो गया, तब जाकर बीच में फंसे वाहनों को वहां से निकाला गया। उधर वाहन चालकों सहित लोगों का कहना है कि यह नाला वाहन चालकों सहित मार्ग पर सफर करने वालों की हर समय परीक्षा लेता है।

    पुल न होने से पूरा पानी सड़क पर बहने लगता है, जिस कारण यहां से वाहन ले जाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उन्होंने सरकार व विभाग से उक्त जगह पुल बनाने की मांग की है।