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    Himachal: पहाड़ों पर बर्फबारी के बीच फंसे भेड़पालक, 250 भेड़-बकरियां बर्फ में दबकर मरी; ग्रामीण आए मदद को आगे

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 22 Oct 2025 02:16 PM (IST)

    चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में बर्फबारी के कारण भेड़पालक फंस गए। 700 भेड़-बकरियों के साथ कांगड़ा जा रहे भेड़पालक जलासू जोत में फंस गए, जिससे 200 से अधिक भेड़-बकरियों की मौत हो गई और दो चरवाहे घायल हो गए। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। भेड़पालकों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

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    चंबा से कांगड़ा आ रहे भेड़पालक जलासू जाेत पर फंस गए। बर्फ में खड़ी भेड़ बकरियां।

    संवाद सहयोगी, चंबा। हिमाचल प्रदेश में मौसम के करवट बदलते ही पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर तेज हो गया है। बर्फबारी के कारण भेड़पालक पहाड़ों में फंस गए। जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर जाने वाले भेड़पालक जलासू जोत में फंस गए। 

    ये लोग 700 भेड़ बकरियों के साथ आगे बढ़ रहे थे, इस दौरान अचानक बर्फबारी शुरू होने से  हालात बिगड़ गए। बर्फ के नीचे दबने व ठंड की वजह से भेड़पालकों की 200 से अधिक भेड़ बकरियों की मौत हो गई है। इस बीच दो भेड़पालक भी घायल हुए हैं। 

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    पंचायत प्रधान की अगुवाई में मौके पर पहुंचे ग्रामीण

    ग्रामीणों को इसकी सूचना मिलने पर प्रधान ग्राम पंचायत नयाग्रां अशोक कुमार की अगुवाई में ग्रामीणों ने मार्ग पर रावी के ऊपर स्थायी पुलिया का निर्माण कर उसे पार किया उसके बाद लोग जलासू जोत पहुंचे, जहां पर बर्फ में फंसे भेड़ पालकों को रेस्क्यू किया। 

    दोनों घायल होली से टांडा के लिए रेफर

    घायल दो भेड़पालकों को स्वास्थ्य केंद्र होली लाया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज टांडा भेज दिया है। इसके अलावा दो अन्य भेड़पालक कृष्ण कुमार और जोगिंद्र को सुरक्षित निकालने के साथ उनकी भेड़ बकरियों को भी निकाल लिया गया है। ये भेड़पालक जिला कांगड़ा के ग्वालटिक्कर के निवासी हैं। 

    24 घंटे में एक से डेढ़ फीट बर्फ गिर गई

    रेस्क्यू करने के बाद होली पहुंचे इन भेड़पालकों ने आप बीती बयां करते हुए कहा कि जब वह जलासू जोत पहुंचे तो अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। इस बीच गरजना के साथ पहले बारिश शुरू हुई, उसके बाद बर्फ गिरने लगी। इस दौरान 24 घंटे तक करीब एक से डेढ़ फीट गिर गई। 

    बर्फ के बीच में दबने व ठंड के कारण उनकी 250 के करीब भेड़ बकरियों की मौत हो गई है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है। 

    रेस्क्यू में देरी होती तो हो सकती थी अनहोनी : प्रधान

    उधर, प्रधान ग्राम पंचायत न्याग्रां अशोक कुमार ने बताया कि जलासू जोत में बर्फ के बीच करीब 700 मवेशी के साथ चार भेड़पालक फंसे थे, जिनमें से दो भेड़पालक घायल हो गए हैं। सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर इन भेड़पालकों को रेस्क्यू कर होली पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर कर दिया है। यदि ग्रामीण समय पर इन्हें रेस्क्यू नहीं करते तो अनहोनी हो सकती थी।

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