हिमाचल: मणिमहेश में भालू के सिर में फंसा टीन का डिब्बा, वायरल वीडियो देख 13390 फीट की ऊंचाई पर पहुंची रेस्क्यू टीम
हिमाचल प्रदेश के मणिमहेश में एक भालू का सिर टीन के डिब्बे में फंस गया था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम 13390 फीट की ऊंचाई पर पहुंची। दुर्गम इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर भालू को सुरक्षित निकाला गया और जंगल में छोड़ दिया गया।

मणिमहेश में भालू के सिर में फंसा टीन का डिब्बा और 13390 फीट की ऊंचाई पर पहुंची रेस्क्यू टीम।
संवाद सहयोगी, चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा स्थित मणिमहेश झील के पास एक भालू का सिर टीन के डिब्बे में फंस गया। इस कारण भालू मुसीबत में फंस गया। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही वन विभाग के साथ वाइल्ड लाइफ विंग भी हरकत में आ गया। वीडियो देखने के बाद वन विभाग व वन्य प्राणी विंग की रेस्क्यू टीम भालू की तलाश में निकली।
वायरल वीडियो में यह भालू डिब्बे के साथ पीड़ा में भटकता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो में यह भी दिखा कि एक स्थानीय व्यक्ति ने साहस दिखाते हुए भालू की मदद करने की कोशिश की। व्यक्ति ने दूर से ही लाठी के सहारे डिब्बे को हटाने का प्रयास किया, लेकिन भालू के हिंसक होने के खतरे और स्थिति की नाजुकता के कारण वह सफल नहीं हो पाया।
खाने की तलाश में फंस गया भालू
कयास लगाए जा रहे हैं कि यह भालू खाने की तलाश में यहां पहुंचा होगा तथा खाने के लिए ही टीन के डिब्बे में मुंह डाल दिया होगा, जिसके बाद उसका सिर उसी में फंसकर रह गया।
टीम को नहीं मिला भालू
वन विभाग भरमौर के डीएफओ नवनाथ माने ने इस संबंध में बताया इस बारे में पता चलते ही हमने बिना देर किए वन और वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजा। टीम ने पूरे क्षेत्र में व्यापक खोज अभियान चलाया, लेकिन उन्हें भालू नहीं मिला। लोगों से भी अपील की गई है कि यदि भालू कहीं दिखाई दे, तो वे तुरंत विभाग को सूचित करें।
वन अधिकारी ने लोगों से की अपील
डीएफओ ने बताया कि हो सकता है कि भालू के मुंह पर फंसा टीन का डिब्बा निकल गया हो तथा वह वहां से कहीं और चला गया हो। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के टीन या अन्य प्रकार के डिब्बे खुले में न फेंकें, क्योंकि जंगली जानवर खाने की तलाश में आते हैं तथा वे इनमें मुंह डालते हैं, जिससे वे मुसीबत में फंस जाते हैं।
मणिमहेश यात्रा के दौरान लगते हैं लंगर
जुलाई से सितंबर माह तक हुई मणिमहेश यात्रा के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिनके लिए कई संस्थाएं लंगर लगाती हैं। इसी दौरान यह सामान यहां रह गया होना।

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