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    हिमाचल के अकांक्षी जिले का हाल, इकलौते शिक्षक का भी स्कूल से कर दिया तबादला.. तो सड़क पर उतरे विद्यार्थी

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 02:10 PM (IST)

    Chamba News चंबा के भरमौर क्षेत्र के लामू में स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। 11वीं और 12वीं कक्षा के एकमात्र शिक्षक का तबादला होने पर अभिभावकों ने बच्चों के साथ सड़क जाम कर दिया। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और स्कूल में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की।

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    शिक्षक के तबादले के विरोध में प्रदर्शन करते लामू स्कूल के बच्चे व अभिभावक।

    संवाद सहयोगी, होली(चंबा)। Chamba News, हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जिला चंबा के स्कूलों में शिक्षकों की कमी से विद्यार्थी व अभिभावक परेशान हैं। भरमौर क्षेत्र के होली के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय लामू में शिक्षकों की कमी से बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। 11वीं व 12वीं कक्षा को पढ़ाने के लिए एकमात्र शिक्षक तैनात था, सरकार ने उसका भी तबादला कर दिया है।

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    सुबह 10 बजे अभिभावकों ने बच्चों को साथ लेकर लामू सड़क पर चक्काजाम कर दिया और दोपहर एक बजे तक सरकार, प्रशासन व शिक्षा विभाग के विरुद्ध नारेबाजी कर पाठशाला में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवाज उठाते रहे। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई।

    मामले की जानकारी दोपहर बाद तहसीलदार होली को लगी तो पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे। तहसीलदार के आश्वासन के बाद अभिभावक बच्चों को लेकर सड़क से हट गए। इसके बाद लामू मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग, प्रशासन व सरकार को चेताया है कि अगर दो-तीन दिन में स्कूल में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई तो वे फिर सड़क पर उतर आएंगे। 

    2021 में बढ़ाया था दर्जा

    अभिभावक बलदेव सिंह, रचना देवी, कुशमा देवी, मधु देवी, रत्न चंद व सोनू ने बताया कि वर्ष 2021 में राजकीय उच्च विद्यालय लामू का दर्जा बढ़ाकर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किया गया था। 2022 में 11वीं कक्षा शुरू हुई और उस दौरान करीब 28 बच्चों ने दाखिला लिया था।

    शिक्षक न होने से स्कूल छोड़ने को मजबूर बच्चे

    इस दौरान केवल राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता की नियुक्ति ही स्थायी तौर पर हुई और अन्य कक्षाएं प्रतिनियुक्ति के आधार पर लगती रहीं। ये व्यवस्था ज्यादा दिन नहीं चली और स्कूल प्रशासन व स्कूल प्रबंधन समिति किसी तरह पढ़ाई को पटरी पर लाती रही। स्थायी शिक्षक न होने पर बच्चे स्कूल छोड़ते गए और वर्तमान में 11वीं व 12वीं कक्षा में आठ बच्चे ही रह गए हैं।

    11वीं में पांच और 12वीं में तीन बच्चे 

    अब 11वीं कक्षा में पांच व 12 वीं कक्षा में तीन बच्चे अध्ययनरत हैं। छठी से 12 तक स्कूल में कुल 82 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। छठी से दसवीं तक की बात करें तो डीएम ओर पीटीई को छोड़ अन्य सभी विषयों के शिक्षक हैं।

    इकलौता शिक्षक भी अंडर ट्रांसफर

    उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में वर्तमान में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता को छोड़ कर हिंदी, इतिहास, अंग्रेजी आईपी जैसे सभी विषयों के पद रिक्त रहे हैं। राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता भी अंडर ट्रांसफर हैं। पिछले वर्ष हिंदी व इतिहास के प्रवक्ता को प्रतिनियुक्त पर भेजा जाता था लेकिन इस वर्ष यही कोई व्यवस्था नहीं की गई। लामू में जब 12 वीं तक स्कूल शुरू हुआ था तो क्षेत्र के बच्चों को नजदीक उच्च शिक्षा की उम्मीद जगी थी लेकिन स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति न होने से उन्हें बच्चो के भविष्य की चिंता सता रही है।  

    क्या कहते हैं अधिकारी व जनप्रतिनिधि

    लामू स्कूल में 11वीं 12वीं में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता अलावा सभी पद रिक्त हैं। इस कारण बच्चे स्कूल छोडने को मजबूर हैं। सरकार व विभाग को स्कूल में रिक्त पदों को भरने के लिए अवगत करवाया गया है। टीजीटी सहित अन्य शिक्षकों की सहयोग से बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।

    -जितेंद्र, कार्यकारी प्रधानाचार्य, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लामू

    मैंने मौके पर पहुंच कर शिक्षकों की मांग के समर्थन में बैठे बच्चों व अभिभावकों से बात की। समझाने पर अभिभावक चक्काजाम से उठ गए। सरकार व उच्च अधिकारियों को भी इस विषय को लेकर अवगत करवाया है। उम्मीद है कि स्कूल में दो चार दिन में शिक्षकों की तैनाती हो जाए। 

    -देवेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार होली।

    स्कूल में लंबे समय से शिक्षकों की कमी है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अभिभावक की चिंता सही है। सरकार व संबंधित विभाग जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों सहित अभिभावकों के दर्द को समझे व स्कूल में जल्द शिक्षकों की तैनाती करे। अन्यथा अभिभावक फिर सड़क पर उतर सकते हैं। 

    -अशोक कुमार, प्रधान स्कूल प्रबंधन समिति लामू 

    हमने कई बार शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। पहले से ही भौगोलिक रूप से पिछड़े हुए मेरे विधानसभा क्षेत्र के गरीबों के बच्चों का भविष्य सरकार खराब कर रही है। लामू स्कूल में जल्द शिक्षकों के पदों को भरे अन्यथा लोगों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

    -डा. जनक राज, विधायक भरमौर।