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    Chamba: भैरोघाटी मणिमहेश के अनुभव श्रद्धालुओं को कर देते हैं हैरान, यहां सुनाई देती है शिव घराट चलने की अवाज

    By Suresh ThakurEdited By: Himani Sharma
    Updated: Mon, 18 Sep 2023 03:35 PM (IST)

    Manimahesh Yatra हिमाचल प्रदेश के भरमौर में भैरोघाटी मणिमहेश के अनुभव श्रद्धालुओं को हैरान करने वाले होते हैं। भैरो घाटी से यात्रा के दौरान रास्ते में शिव घराट नामक जगह आती है। यहां पर स्थित एक पहाड़ से कान लगाने पर आटा पिसने वाले घराट के चलने की आवाज सुनाई देती है। भोले के भक्त शिव के इस रहस्य को सुनने से किसी भी हद में पीछे नहीं रहते हैं।

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    भैरोघाटी मणिमहेश के अनुभव श्रद्धालुओं को कर देते हैं हैरान

    भरमौर, संवाद सहयोगी। Manimahesh yatra 2023: उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा जहां अपने धार्मिक महत्व को लेकर विख्यात है। वहीं, यात्रा के दौरान होने वाले विभिन्न तरह के अनुभव श्रद्धालुओं को अचरज में डाल देते हैं। भैरो घाटी से यात्रा के दौरान रास्ते में शिव घराट नामक जगह आती है। यहां पर स्थित एक पहाड़ से कान लगाने पर आटा पिसने वाले घराट के चलने की आवाज सुनाई देती है। यात्रा पर आने वाले भोले के भक्त शिव के इस रहस्य को सुनने से किसी भी हद में पीछे नहीं रहते हैं।

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    शिव घराट समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट पर ऊंचाई पर स्थित

    शिव घराट समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट पर ऊंचाई पर स्थित है। पवित्र मणिमहेश यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण कहे जाने वाले पड़ाव धन्छौ में पहुंचने वाले श्रद्धालु रात भर यहां पर विश्राम करने के बाद अगली सुबह सुंदरासी पड़ाव की यात्रा को आरंभ करते हैं। धन्छौ पड़ाव से दो रास्तों के माध्यम से श्रद्धालु अगले पड़ाव के लिए जाते हैं।

    धन्छौ पड़ाव से ही भोले के भक्तों की की अग्निपरीक्षा आरंभ हो जाती है। यहां से सीधी चढ़ाई आरंभ हो जाती है, जो कि गौरीकुंड तक रहती है। धन्छौ से जो श्रद्धालु भैरो घाटी के रास्ते आगे बढ़ते हैं, उन्हें यहां स्थित एक पहाड़ से घराट के चलने की आवाज सुनाई देती है।

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    सच्ची श्रद्धा से होता है चमत्कार

    मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा और शिवशंकर पर विश्वास कर पहाड़ से कान लगाकर आवाज सुनने की कोशिश करता है तो उसे ऐसा प्रतीत होता है कि पहाड़ के भीतर घराट चल रहा है। मणिमहेश यात्रा पर अमृतसर से आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि भोले की नगरी चमत्कारों और रहस्यों से भरी हुई है।

    यात्रा के तहत पड़ने वाले विभिन्न पड़ावों पर उन्हें नए-नए चमत्कार और रहस्यों को जानने का मौका मिला है। इन रहस्यों में पत्थर के पहाड़ के भीतर से घराट के चलने की आवाज आना भी एक है। कुल मिलाकर भोले की नगरी में सब कुछ शिवशंकर की दया दृष्टि पर ही निर्भर करता है।

    क्या कहते हैं धर्मराज मंदिर भरमौर के पुजारी

    धर्मराज मंदिर भरमौर के पुजारी लक्ष्मण दत्त ने बताया कि भैरो घाटी से ऊपर पहुंचने पर एक पहाड़ के भीतर से घराट चलने की आवाज सुनाई देती है। इसी वजह से इस जगह को शिव घराट के नाम से जाना जाता है। यहां पर श्रद्धालुओं को घराट चले की आवाज साफ सुनाई देती है। इस आवाज को श्रद्धालु महसूस भी करते हैं। उन्होंने बताया कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आने वाले विभिन्न पड़ावों पर कई रहस्य हैं। यह सफर जितना कठिन है, उतना ही रोमांचक भी है।

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