चंबा: बाढ़-बारिश से जल शक्ति विभाग को 39 करोड़ का झटका, सिंचाई-पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त
चंबा जिले के चुवाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जल शक्ति विभाग को लगभग 39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 167 पेयजल योजनाएं और कई सिंचाई योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे हजारों लोगों को पानी की समस्या हो रही है। विभाग के कर्मचारी लगातार योजनाओं को बहाल करने में जुटे हैं और जनता से सहयोग की अपील की है।

संवाद सहयोगी, चुवाड़ी\चंबा। चुवाड़ी क्षेत्र में इस बार की भारी बरसात ने जल शक्ति विभाग की जमीनी तैयारियों की कड़ी परीक्षा ले डाली।
हालात इतने बिगड़े कि मंडल चुवाड़ी को अकेले करीब 39 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इसमें भटियात क्षेत्र की 167 पेयजल योजनाओं को 27 करोड़, 47 सिंचाई योजनाओं को 11 करोड़, जबकि मल निकासी योजना को लगभग 11 लाख रुपये की क्षति हुई है।
अचानक आई तबाही ने न केवल पेयजल और सिंचाई व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि हजारों उपभोक्ताओं को कई दिनों तक पानी के लिए संघर्ष करना पड़ा।
हालांकि राहत की बात यह है कि जल शक्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात मैदान में डटे रहे और अथक प्रयासों से अधिकांश योजनाओं को बहाल करने में सफल हो गए।
जल शक्ति मंडल चुवाड़ी के अधिशासी अभियंता राकेश ठाकुर ने जानकारी दी कि विभाग की टीम ने कई पेयजल और सिंचाई योजनाओं को पूरी तरह से सुचारू कर दिया है।
लेकिन कुछ योजनाओं को अभी पूरी तरह बहाल करने में समय लगेगा क्योंकि उन्हें बरसात से भारी नुकसान पहुँचा है।
कई पेयजल योजनाओं के स्रोत काफी दूर-दराज़ क्षेत्रों में हैं। लगातार बारिश और भूस्खलनों के कारण वहाँ तक पाइप और अन्य सामग्री पहुँचाना बेहद कठिन कार्य बन गया है।
इसके बावजूद विभाग के कर्मचारी जोखिम उठाकर दुर्गम इलाकों में पहुँच रहे हैं और पानी की सप्लाई बहाल करने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हालात कठिन जरूर हैं, लेकिन विभाग ने ठान लिया है कि हर प्रभावित योजना को जल्द से जल्द ठीक कर उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई जाएगी। बरसात से हुए नुकसान के बीच विभाग ने जनता से भी सहयोग की अपील की है।
जिन क्षेत्रों में अभी पानी की आपूर्ति बाधित है, वहां लोग धैर्य बनाए रखें और विभाग को सहयोग दें। विभाग की प्राथमिकता है कि किसी भी गांव या बस्ती को ज्यादा समय तक पेयजल संकट का सामना न करना पड़े।
स्पष्ट है कि बरसात ने जल शक्ति विभाग को बड़ा आर्थिक झटका जरूर दिया है, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी चुनौती को स्वीकार करते हुए लगातार मोर्चे पर डटे हैं।
चुवाड़ी मंडल की यह जंग केवल टूटे पाइप और बह गई योजनाओं को जोड़ने की ही नहीं, बल्कि हजारों लोगों की प्यास बुझाने की जिम्मेदारी की भी है।
अब उम्मीद की जा रही है कि विभाग की मेहनत से जल्द ही हर योजना फिर से पटरी पर लौटेगी और जनता को राहत की सांस मिलेगी।
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