24 दिन से टूटी पड़ी चंबा के लोगों की जीवन रेखा, रावी नदी के क्षतिग्रस्त पुल को रस्सियों के सहारे पार कर रहे आमजन
चंबा के बकानी में रावी नदी पर बना पुल 24 दिनों से क्षतिग्रस्त है। पुल के बीच के फट्टे निकलने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर रस्सियों के सहारे नदी पार करनी पड़ रही है। यह पुल दो पंचायतों की साढ़े तीन हजार आबादी को जोड़ता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द मरम्मत की गुहार लगाई है ताकि आवागमन सुचारू हो सके।

संवाद सहयोगी, मेहला। चंबा के बकानी में 24 दिनों से व्यवस्था बहाली रावी के ऊपर झूल रही है। रावी के रौद्र रूप से पुल के बीच से मात्र फट्टे ही टूटे हैं, दोनों छोर पर बने पिल्लर व आधे से ज्यादा पुल भी सुरक्षित है, लेकिन बीच से करीब सात से आठ फीट हिस्से के फट्टे निकल गए हैं। जो कि अभी तक नहीं लग पाए हैं। ओर कुछ लोग जान हथेली पर रख कर रस्सों के सहारे पुल को पार कर रहे हैं।
यहां से गुजरते समय अचानक जरा सी भी चूक हो जाए, तो व्यक्ति सीधे रावी में समा सकता है। दो साल पहले भी क्षतिग्रस्त पुल से गिर कर एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। ऐसे में जोखिम को देखते हुए भी इस तरह खुद के साथ खेलना भी अनुचित है। बकानी में रावी के ऊपर बना यह पुल क्षेत्र की दो पंचायतों बकाण व धिमला की करीब साढ़े तीन हजार की आबादी का सेतु है। लेकिन रावी के बहाव में बीच से पुल के फट्टे निकल जाने से लोग दिक्कतें झेल रहे हैं।
पांच फीट ऊंचाई पर बनाया था पुल मणिमहेश यात्रा के दौरान राधा अष्टमी के स्नान से पहले जिला में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश से काफी तांडव मचाया था। नदी, नालों खड्डें उफान पर हो गई थी। राव नदी पूरी तरह से खतरे से बाहर बह रही थी। रावी के तेज बहाव में भरमौर से लेकर चंबा तक जगह-जगह चंबा भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग चपेट में आने से बह गया है। इसके अलावा रावी किनारे बने कई मकानों को भी खतरा बन गया है।
रावी के ऊपर ही मेहला के समीप बकानी में लोगों की पैदल आवाजाही के लिए बना लकड़ी का पुल भी चपेट में आने से बीच में से पुल के फट्टे पानी में बह गए है। दो वर्ष पहले भी रावी नदी में जल स्तर बढ़ने से यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसे पहले से पांच फीट ऊंचाई देकर नए सिरे से बनाया गया था। ताकि रावी में जल स्तर बढ़ने से पुल उसकी चपेट में न आ सके।
चंद स्थानीय निवासी ने कहा कि क्षेत्र में चार से पांच दिनों तक दिन रात हुई बारिश व बादल फटने से रावी में जल स्तर इतना बढ़ गया था, कि पहले से पांच फीट ऊंचाई पर बना यह पुल मध्य से चपेट में आ गया, ओर फट्टे उखड़ गए हैं। बकाणी में लोगों की आवाजाही के लिए रावी नदी पर बना पुल नदी का जल स्तर बढ़ने से उसकी चपेट में आने से मध्य से पुल के कुछ फट्टे निकल गए हैं। करीब 24 दिन बीत जाने पर भी यह फट्टे नहीं लग पाए हैं। जो कि चिंतनीय है। सरकार व प्रशासन जल्द पुल की मरम्मत के लिए जरूरी कदम उठाए।
चमन सिंह प्रधान ग्राम पंचायत बकान ने कहा कि पुल ग्राम पंचायत धिमला व बकण को आपस में जोड़ता है। लेकिन रावी में जल स्तर बढ़ने से उसकी चपेट में आने से बीच से पुल के फट्टे निकल गए हैं। जिस कारण क्षेत्र के लोगों व स्कूली बच्चों को लंबा रास्ता तय कर यहां से सात आठ सौ मीटर की दूरी पर बने पुल से हाेकर गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में पुल की जल्द मरम्मत की जाए।
बकानी में रावी पर लोगों की आवाजाही के लिए बने पुल की जल्द मरम्मत की जाए, ताकि क्षेत्र के लोगों सहित स्कूली बच्चों को आने जाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। मनोज कपूर स्थानीय निवासी रावी में पानी का बहाव बढ़ने से उसकी चपेट में आने से बकाणी में लोगों की पैदल आवाजाही के लिए बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। बीच से पुल के फट्टे निकल जाने के बाद भी कुछ लोग रस्सों के सहारे जान जोखिम में डाल गुजर रहे हैं।
राकेश मारोल सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग उपमंडल राख ने कहा कि लोगों से अपील है कि वह इस तरह जानबूझ कर खतरा मौल न लें। ताकि किसी के साथ अनहोनी न हो सके। सुरजीत कुमार ग्रामीण बजट उपलब्ध होते ही पुल की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
ताकि जल्द पुल की मरम्मत हो सके,ओर क्षेत्रवासियों व स्कूली बच्चों को आने जाने में सुविधा हो सके। फट्टे टूटने के बाद भी कुछ लोग जान जोखिम में छाल रस्साें के सहारे गुजर रहे हैं। ऐसे में लोगों से मेरी अपील है, कि वह थोड़ा से लंबा रास्ता तय कर लें, लेकिन इस तरह से खतरा न मौल लें।
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