चंबा: जेल से फरार गोली मारने के आरोपी ने पीडि़ता के परिवार को भेजा धमकी भरा लेटर, 3 महीनों से उड़ा रखी है पुलिस की नींद
चंबा में जेल से फरार कैदी इब्राहिम ने पीड़िता के परिवार को धमकी भरा पत्र भेजा है जिसमें उसने पत्नी और बच्चे को वापस करने की मांग की है। ऐसा न करने पर उसने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस पिछले साढ़े तीन महीने से उसकी तलाश कर रही है लेकिन अभी तक उसे पकड़ने में नाकाम रही है।

जागरण संवाददाता, चंबा। पहले जेल से फरार होना फिर लड़की के दादा को गोली मारना और भाग जाना। कुछ दिन लापता रहना और फिर से पीडि़त परिवार को दहशत में डालना, पुलिस पीछे-पीछे और आरोपित आगे-आगे।
यह कोई फिल्म की कहानी नहीं, अपितु उस कैदी की है जिसने पुलिस की नाक तले दम कर रखा है। पुलिस प्रशासन को बार-बार चिढ़ा रहा है, पीडि़ता व उसके परिवार के माथे पर दहशत की लकीरें खींच रहा है। पुलिस को कहा रहा है, दम है तो पकड़ो।
यहां बात हो रही है जेल से फरार और लड़की के दादा को गोली मारने के आरोपित चंबा उपमंडल निवासी कैदी इब्राहिम की। अब वह धमकी भरा पत्र पीडि़ता की पशुशाला के दरवाजे पर लटका गया है जिसमें लड़की के परिवार के लिए लिखा है कि मेरी बात नहीं मानी तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। पुलिस साढ़े तीन महीने से आरोपित की तलाश कर रही है।
वीरवार को अहमद पुत्र नवाबदीन निवासी गडरी बरौर अपने बच्चों समेत एसपी कार्यालय पहुंचा और कैदी द्वारा भेजे गए ताजा धमकी पत्र की शिकायत दी। अहमद ने बताया कि उसकी पत्नी सुबह पशुशाला में गई तो वहां यह पत्र मिला, जिसमें पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी।
अहमद ने कहा कि इससे पहले भी उसके घर की दीवार पर धमकियां लिखी गई थीं। लगातार मिल रही चेतावनियों से उसका परिवार भयभीत है। बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं और घर के सदस्य हर समय दहशत के साये में हैं। अहमद ने पुलिस से फरार कैदी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपित के रिश्तेदार भी इस पूरे खेल में शामिल हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इब्राहिम 27 मई को चंबा जेल से फरार हुआ था। फरार होने के बाद उसने 24 जून को अहमद के पिता पर गोली चलाई थी। गनीमत रही कि उस हमले में उनकी जान बच गई। इसके बाद से आरोपित लगातार धमकी देकर परिवार को निशाना बना रहा है। ताजा धमकी पत्र में उसने साफ लिखा है कि अहमद और उसके परिवार को मौत के घाट उतार देगा।
तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस फरार कैदी का सुराग क्यों नहीं लगा पाई। जेल से भागने के तुरंत बाद पुलिस ने दावा किया था कि आरोपित को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। उल्टा आरोपित खुलेआम पत्र भेज रहा है और परिवार को दहशत में डाल रहा है।
पुलिस ने धमकी को गंभीर मानते हुए पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई है और घर के बाहर पुलिस बल भी तैनात किया है। लेकिन अहमद का कहना है कि सुरक्षा से ज्यादा जरूरी है आरोपित की गिरफ्तारी। जब तक वह जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंचता, उनका परिवार चैन से नहीं रह सकता। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और पूरा परिवार मानसिक तनाव में है।
'तुम्हे मालूम है कि मैंने जिदंगी में कभी हार नही मानी है। यह मत सोचना की सीसीटीवी या पुलिस की वजह से मैं नहीं आ रहा हूं। बल्कि तैयारी कर रहा हूं मुलाकात के लिए। मैं अपनी पत्नी और बच्चे के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा।
मेहरदीन, अहमद, हसनदीन, रसीला, शामु, दीलदारो यह सब इसलिए बता रहा हूं तुम बाद में न कह सको कि बिन बताया आया, तैयारी रखना मैं मरने के लिए तैयार हूं। रसीला की जमीन मैंने खरीद ली है, उसके अदंर जो कुछ है, सब मेरा है, अगर किसी ने हाथ लगाया तो ब्याज समेत वसूल कररूंगा। मेरी कमजोरी क्या है, यह तुम ख्बाब में भी नहीं सोच सकते और में तुम्हारी हर कमजोरी को जनना चाहता हूं। मैं अपनी बीबी और बच्चे के लिए लड़ रहा हूं'।
चंबा के SP अभिषेक यादव ने कहा कि फरार कैदी द्वारा भेजे गए धमकी भरे पत्र को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। इसकी जांच की जा रही है और हर एंगल से पड़ताल की जा रही है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस दल तैनात है और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। फरार कैदी को पकड़ना हमारी प्राथमिकता है। उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।
आरोपित इब्राहिम कुछ महीने पहले अपनी भतीजी को भगा ले गया था। उसके बाद उसने दुष्कर्म किया था। कुछ दिन बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
पुलिस ने लड़की को स्वजन के हवाला कर दिया। आरोपित को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपित को जेल भेज दिया। इस सारे घटनाक्रम के बीच पीडि़ता ने बच्चे को जन्म दिया। अब आरोपित अपनी पत्नी व बच्चे को पाने के लिए यह सारा खेल खेल रहा है।
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