टूटे पुल पर रेंग रही जिंदगी
रावी के तेज बहाव से बकानी में लोगों की आवाजाही के लिए ब

टूटे पुल पर रेंग रही जिंदगी
चंबा जिला के बकानी में क्षतिग्रस्त लकड़ी पुल को रस्सों के सहारे पार कर रहे लोग
-8 फीट हिस्से से रावी नदी में आई बाढ़ से फट्टे टूटे, 114 फीट लंबा है पुल
-2 वर्ष पहले क्षतिग्रस्त पुल से गिरकर हुई थी व्यक्ति की मात
-2 पंचायतों बकाण व धिमला का एकमात्र सहारा है पुल
-3500 आबादी की मुश्किल का हल नहीं निकाल पाया प्रशासन
मान सिंह, जागरण
मैहला (चंबा) : चंबा जिला में आई प्राकृतिक आपदा ने जिंदगी को रेंगने व घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया है। 27 अगस्त को रावी नदी में आई बाढ़ के बाद 25 दिन से बकानी में लोग जान जोखिम में डालकर रस्सों के सहारे लकड़ी का पुल पार कर रहे हैं। बाढ़ में 114 फीट लंबे पुल के करीब आठ फीट हिस्से से फट्टे टूटे गए हैं। हालांकि दोनों छोर पर बने पिलर तो सुरक्षित हैं लेकिन पुल के करीब आठ फीट हिस्से की अभी तक किसी ने सुध नहीं ली है। पुल से गुजरते समय जरा सकी चूक हो जाए तो व्यक्ति नदी में गिर सकता है। दो साल पहले क्षतिग्रस्त पुल से गिरकर एक व्यक्ति की मौत हुई थी। बकानी में रावी नदी पर बना यह पुल क्षेत्र की दो पंचायतों बकाण व धिमला की करीब 3500 आबादी की आवाजाही का एकमात्र साधन है लेकिन वर्तमान में इसकी स्थिति जिंदगी के लिए खतरे की घंटी बजा रही है।
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पांच फीट ऊंचाई पर बनाया था पुल
मैहला के निकटवर्ती बकानी में लोगों की पैदल आवाजाही के लिए रावी नदी के ऊपर लकड़ी का पुल बनाया गया था। दो वर्ष पहले नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इस पुल को पांच फीट और ऊंचाई देकर नए सिरे से बनाया गया था ताकि यह नदी की चपेट में न आए। मणिमहेश यात्रा के दौरान राधा अष्टमी के स्नान से पहले जिला में हुई रिकार्ड तोड़ वर्षा हुई। नदी व खड्डें उफान पर थी। नदी भी खतरे से ऊपर बह रही थी और तेज बहाव में भरमौर से लेकर चंबा तक कई जगह राष्ट्रीय राजमार्ग बह गया। यह पुल भी 25 को अगस्त को बाढ़ की चपेट में आ गया और पुल के करीब आठ फीट हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
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बकानी में लोगों की आवाजाही के लिए लकड़ी का पुल ही सहारा है। रावी नदी में आई बाढ़ के बाद पुल के फट्टे टूट चुके हैं। 25 दिन बीतने पर भी किसी ने पुल की हालत नहीं सुधारी है। सरकार व प्रशासन जल्द पुल की मरम्मत के लिए जरूरी कदम उठाए।
सुभाष, चंद स्थानीय निवासी
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बकानी पुल धिमला व बकाण पंचायत को आपस में जोड़ता है। पुल की वर्तमान स्थिति ठीक नहीं है। पहाड़ी क्षेत्र के करीब एक किलोमीटर घुमावदार रास्ते से होते हुए लोग व स्कूली बच्चे पैदल धिमला व बकाण पहुंचते हैं। ऐसे में पुल की जल्द मरम्मत की जाए।
चमन सिंह, प्रधान बकान पंचायत
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बकानी में रावी नदी पर क्षतिग्रस्त हुए लकड़ी पुल की 25 दिन बाद किसी ने हालत सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इससे प्रतीत है कि प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि जनसमस्याओं को दूर करने के लिए कितने संजीदा हैं।
मनोज कपूर स्थानीय निवासी
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बकानी में लोगों की पैदल आवाजाही के लिए बना पुल के क्षतिग्रस्त होने से बेहद परेशानी हो रही है। कुछ लोग रस्सों के सहारे जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजर रहे हैं। इससे पहले कोई हादसा हो, प्रशासन व सरकार जाग जाए।
सुरजीत कुमार, ग्रामीण बकानी
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बजट उपलब्ध होते ही लकड़ी पुल की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग जान जोखिम में डाल रस्सों के सहारे पुल पार कर रहे हैं। लोगों से मेरी अपील है कि वे ऐसा कोई जोखिम न उठाएं।
राकेश मारोल, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग उपमंडल राख
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