हिमाचल के इस गांव में शादियों में नहीं परोसी जाएगी बीयर, नियम तोड़ा तो देना होगा 10 हजार जुर्माना
चंबा के जनजातीय उपमंडल पांगी में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए शादी समारोह में डिस्पोजेबल सामग्री इस्तेमाल करने और बीयर परोसने पर रोक लगा दी गई है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ प्रजामंडल की ओर से यह भी कहा गया है कि वो जंगलों में फलदार पौधे लगाए ताकि जंगली जानवर गांव की ओर ना आ सकें।

संवाद सहयोगी, पांगी। चंबा जिले के जनजातीय उपमंडल पांगी की ग्राम पंचायत लुज के वार्ड एक विष्ठाओं वनवास में शादी व अन्य समारोहों में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा। साथ ही बीयर भी नहीं परोसी जाएगी।
उल्लंघन करने वालों पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। वार्ड में लगभग 60 परिवार हैं। यह निर्णय वार्ड के प्रजामंडल विष्ठाओं वनवास ने लिया है। मंगलवार को बैठक में स्वच्छता अभियान, नशामुक्ति और जंगलों में फलदार पौधे लगाने का भी निर्णय लिया गया।
प्रजामंडल के अध्यक्ष अमित कुमार स्नातक हैं। उन्होंने कहा कि डिस्पोजेबल सामग्री के उपयोग से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इसलिए समस्त प्रजामंडल सामूहिक तौर पर बर्तन खरीदेंगे।
इसके लिए धन की व्यवस्था भी की गई है। शादी समारोह अमीर के घर में हो या गरीब के घर में, बीयर परोसने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रजामंडल ने कहा कि हर परिवार यह भी सुनिश्चित करेगा कि वह जंगलों में फलदार पौधे लगाए ताकि जंगली जानवर गांव की ओर न आएं।
इन कार्यों की निगरानी के लिए कमेटी का गठन
इन कार्यों की निगरानी के लिए कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें अमित कुमार अध्यक्ष, राजकुमार सचिव, राजकुमार कोषाध्यक्ष और जयसिंह मुख्य सलाहकार बनाए गए। लक्ष्मण सिंह, हेमराज, पानसिंह, लाल सिंह, हामम सिंह, हरि सिंह तथा अजित सिंह सदस्य होंगे।
गांव में स्वच्छता अभियान और जंगलों में फलदार पौधे लगाने का निर्णय
विष्ठाओं वनवास ग्राम वार्ड-एक लुज पांगी के अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि गांव में स्वच्छता अभियान नशामुक्ति और जंगलों में फलदार पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। उल्लंघन करने पर प्रजामंडल जुर्माना करेगा। शादी समारोह में डिस्पोजेबल सामग्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। बर्तन खरीदने के लिए 1.46 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है।
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यह होता है प्रजामंडल
प्रजामंडल एक गांव का समूह होता है। कई बार गांव में परिवारों की संख्या कम होती है तो एसे में दो-तीन गांवों को जोड़कर प्रजामंडल बनाया जाता है। प्रजामंडल का लेखाजोखा रखने के लिए कमेटी का गठन किया जाता है। इसमें एक अध्यक्ष बनाया जलाता है जिसको पुराने समय में प्रजा का मुखिया कहा जाता था। इसका कार्य प्रजा के हर सदस्य पर नियंत्रण रखना, प्रजा में किस कार्य को कैसे करना है, उसका प्रारूप तैयार करना, सदस्यों के साथ बैठक कर प्रजा में हो रहे गलत कार्यों पर अंकुश लगाना होता है।
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