Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    16 मौतों के लिए कौन जिम्मेदार? बिलासपुर नई दुर्घटना नहीं... हिमाचल में भूस्खलन से पहले भी हो चुके कई हादसे

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 09:15 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरठीं के पास एक दर्दनाक हादसे में एक चलती बस पर मलबा गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई। यह घटना भल्लू पुल के नजदीक हुई। मलबे के कारण बस पूरी तरह से दब गई। स्थानीय लोगों के अनुसार उस क्षेत्र में पहले भी पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं।

    Hero Image
    हिमाचल में भूस्खलन से पहले भी हो चुके कई हादसे (File Photo)

    जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के तहत बरठीं में भल्लू पुल के समीप मंगलवार सायं लगभग 6:30 बजे चलती निजी बस पर पहाड़ी से मलबा गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई।

    हादसा इतना भयानक था कि मलबे की चपेट में आने से बस की बाडी उखड़कर खड्ड के किनारे जा गिरी। पूरी बस मिट्टी व पत्थरों के नीचे दब गई। इससे पहले भी हिमाचल में भूस्खलन से पहले कई हादसे हो चुके हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल में भूस्खलन से हुई बड़ी घटनाएं

    • 12 अगस्त, 2017 : मंडी जिले के कोटरोपी में पहाड़ी दरकने से दो बसें चपेट में आने से 49 की जान चली गई थी।
    • 11 अगस्त, 2021: किन्नौर जिले के में निगुलसरी में पहाड़ दरकने से हुए हादसे में 10 लोगों की मौत हुई है जबकि 13 घायल हुए।
    • 29 दिसंबर, 2024 : कार पर पत्थर गिरने से मंडी के सात मील में एक महिला की मौत हुई थी। पति व बच्ची घायल हुए थे।
    • आठ अगस्त, 2025 : चंबा जिले के तीसा के भंजराडू-शहवा-भड़कवास मार्ग पर कार पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी।
    • तीन सितंबर, 2025 : शिमला जिला के रामपुर में निजी बस पर चट्टानें गिरने से दो महिलाओं की मौत व कई लोग घायल हो गए थे।
    • 11 सितंबर, 2025 : चंडीगढ़- मनाली हाईवे (मंडी) पर मनाली से हरिद्वार जा रही परिवहन निगम की बस पर पत्थर गिरने से एक बच्ची घायल हो गई।
    • 12 अगस्त, 2025 : चंबा जिला के चुराह में एक निजी बस की छत पर पहाड़ी से चट्टान आ गिरी, इससे तीन यात्री घायल हुए।
    • 17 अगस्त, 2025 :सिरमौर जिला के राजगढ़ में सनौरा-नेरीपुल सड़क पर निगम की बस पर पत्थर गिरने से चालक सहित कुछ लोगों को चोटें आईं।

    बता दें कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ है, वहां बरसात के समय से पहाड़ी से पत्थर गिर रहे थे। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन भी परिचित था, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने पहाड़ी एवं गिर रहे पत्थरों का निदान करने की ओर कुछ नहीं किया। इसी का परिणाम रहा कि मंगलवार को इतनी अधिक संख्या में लोग काल का ग्रास बन गए।