श्री नैना देवी मंदिर में नवरात्र की भव्य शुरुआत, श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़; चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात
उत्तरी भारत के शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी मंदिर में शारदीय नवरात्रों का आरंभ बड़ी श्रद्धा से हुआ। माता रानी के जयकारों से मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। प्रथम दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की गई। दूर-दराज से आए श्रद्धालु हवन यज्ञ में आहुति दे रहे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने उचित व्यवस्था की है। नवरात्र के दौरान मंदिर 22 घंटे खुला रहेगा।

संवाद सहयोगी, स्वारघाट (बिलासपुर)। ऊंची पहाड़ियों पर स्थित उत्तरी भारत शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी मंदिर में शारदीय नवरात्रों का आरंभ आज सोमवार प्रातःकाल बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ। माता रानी के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय वातावरण में गूंज उठा।
सुबह की आरती एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता जी की पूजा आरंभ की गई। प्रथम दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु मंदिर में हवन यज्ञ में आहुति अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
इस पावन अवसर पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु नैना देवी मंदिर पहुंचे का सिनशीला शुरू हो गया है
बड़ी संख्या में भक्त माता के दरबार से ज्योति का सरूप भी लेकर जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत जिला प्रशासन एवं मंदिर ट्रस्ट द्वारा सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं और जगह-जगह सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर बारी बारी ढंग से दर्शन कराए जा रहे हैं।
दिन के 22 घंटे खुला रहेगा मंदिर
नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट 22 घंटे खुले रहेंगे। रोजाना रात 12 बजे से दो बजे तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे, शेष समय मंदिर खुला रहेगा। मंदिर में हरियाणा के श्रद्धालुओं की ओर से फूलों के साथ सजा दिया गया है। वहीं प्रशासन की ओर से सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाएं भी कर दी हैं।
नवरात्र के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से श्री नैना देवी मंदिर और आसपास क्षेत्र को छह सेक्टरों में बांटा गया है। इन सेक्टों में सेक्टर प्रभारी व मेजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर से लेकर बस स्टैंड तक चार सौ गृहरक्षक तैनात रहेंगे।
मेला अवधि के दौरान श्री नैना देवी जी मंदिर परिसर में लाऊडस्पीकर, ढोल-नगाड़े, बैंड-बाजे एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी प्रकार का सार्वजनिक सन्देश अथवा उद्घोषणा देनी आवश्यक हो, तो वह केवल कंट्रोल रूम के माध्यम से प्रसारित की जाएगी।
मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के प्रसाद के प्रयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा पुलिस थाना कोट कहलूर के अधिकार क्षेत्र में 22 सितंबर से दो अक्तूबर तक किसी भी व्यक्ति द्वारा अस्त्र-शस्त्र, गोला-बारूद, दूर से मार करने वाले हथियार, तेजधार हथियार आदि उठाकर चलने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा।
टोबा से नैना देवी भारी वाहनों का प्रवेश रहेगा वर्जित
मेला अवधि के दौरान टोबा से श्री नैना देवी जी मंदिर तक के सड़क मार्ग पर केवल बसों और छोटे यात्री वाहनों (टैक्सियों) की आवाजाही को ही अनुमति होगी। इस दौरान ट्रक, कैन्टर, ट्रैक्टर, टैम्पू आदि भारी वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
इसके अतिरिक्त यदि ट्रक, टैम्पू या ट्रैक्टर सवारियों से लदे हुए पाए जाते हैं, तो उन्हें हिमाचल प्रदेश की सीमा जैसे गड़ामोड़ा और ग्वालथाई (भाखड़ा) से आगे श्री नैना देवी जी की ओर आने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु इन स्थानों से केवल बसों या टैक्सियों में ही श्री नैना देवी जी मंदिर पहुंच सकेंगे।
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