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    बिलासपुर में पाेंजी स्कीम के नाम पर 20 लोगों से हुई करोड़ों की ठगी, पुलिस ने दी सतर्क रहने की सलाह

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 03:30 AM (IST)

    बिलासपुर में पोंजी स्कीम के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। लगभग 20 लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं जिन्होंने वॉट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से आकर्षक ब्याज दरों का वादा किया गया था। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अधीक्षक ने लोगों को सतर्क रहने और आरबीआई अधिकृत संस्थानों से ही लोन लेने की सलाह दी है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बिलासपुर। पोंजी स्कीम के नाम पर ठगी के मामले अब हिमाचल प्रदेश में भी आने शुरू हो गए हैं।

    ठगों ने जिला बिलासपुर में मुख्यालय व घुमारवीं क्षेत्र की कुल 20 लोग पोंजी के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी की है। सभी लोगों ने ठगी को लेकर पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दी है।

    जानकारी के मुताबिक पीड़ितों ने बताया कि उन्हें वॉट्सऐप व टेलीग्राम के माध्यम से पोंजी स्कीम के बारे में बताया गया। जिसमें पहले निवेश के बाद हर माह उन्हें ब्याज के तौर पर काफी पैसा आने की बात कही गई।

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    शुरूआती दो तीन माह से ब्याज के तौर पर पैसे आए और उसके देखकर उन लोगों ने निवेश बढ़ाया तो सारा पैसा डूब गया और उनकी आईडी भी बंद हो गईं। इन पीड़ितों में एक व्यक्ति से 20 लाख रुपये की ठगी हुई है, जबकि अन्यों का निवेश थोड़ा कम था।

    यहां बता दें कि पोंजी स्कीम के नाम पर ठग लोगों को झूठा वादा करते हैं कि वह एक बार निवेश करेंगे तो उसके बाद उन्हें हर माह ब्याज के नाम पर पैसे आएंगे। ऐसे पैसे निवेश करवाकर थोड़े बहुत पैसे दे देते हैं और उन्हीं लोगों से अन्य लोगों को जोड़ने को भी कहते हैं, बाद में उनकी टेलीग्राम के माध्यम से बनाई गई आईडी भी क्रैश कर दी जाती है।

    उधर पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संदीप धवल ने बताया कि हाल ही में जिले में पोंजी स्कीम का एक मामला सामने आया, जिसमें 15 से 20 लोग निवेश कर धोखाधड़ी का शिकार हो गए।

    उन्होंने साफ कहा है कि लोन केवल आरबीआई से अधिकृत बैंक और वित्तीय संस्थानों से ही लेना चाहिए। फिशिंग और एपीके लिंक से जुड़े मामलों में अपराधी ट्रैफिक चालान, बिजली बिल या केवाईसी अपडेट के बहाने वॉट्सऐप और एसएमएस पर नकली लिंक भेजते हैं। इससे बचें।

    उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचाव केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें हर नागरिक की सतर्कता अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति अपना एटीएम पिन, ओटीपी, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड या संवेदनशील जानकारी किसी भी कॉलर को न बताए।

    संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी तरह का ऐप केवल आधिकारिक वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।