रोमांचक सफर पर पहाड़ों के अंदर दिखेंगी गजब की कलाकृतियां, ये है किरतपुर नेरचौक फोरलेन प्रोजेक्ट
फोरलेन परियोजना का कार्य शुरू होने से पूर्व ही सुरंगों पर इस तरह की आकृतियां बनाने की योजना बना ली गई थी। सुरंगों पर पेंटिंग के कार्य को दिल्ली की कलर फिल्लर कंपनी अंजाम दे रही है। एक पेंटिंग की कीमत 10 से 12 लाख रुपये है।
बिलासपुर, सुनील शर्मा। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन किरतपुर नेरचौक फोरलेन परियोजना पर देशभर के पर्यटकों को अलग ही आकर्षण देखने को मिलेगा। इस सफर पर सैलानियों को जहां सुरंगों, पहाड़ों, झीलों का रोमांचक सफर मिलेगा, वहीं सुरंगों पर उभारी ऐतिहासिक कलाकृतियां भी उनके सफर को यादगार बनाने का काम करेंगी।
कितरपुर से मंडी के भवाना तक बनकर तैयार हुई पांच सुरंगों में देवभूमि की झलक के साथ साथ पर्यटन क्षेत्र लेह लद्दाख की झलक भी पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र होने वाला है। यहां इस मार्ग पर किरतपुर से नेरचौक तक पांच सुरंगें बनाई गई हैं, जिनके 10 एंट्री प्वाइंट होंगे। प्रत्येक एंट्री प्वाइंट पर पर्यटकों को अलग ही नजारा देखने को मिलेगा। सुरंगों के मुहानों पर इस तरह की आकृतियां पहली बार देश में बनाई जा रही हैं और पहाड़ों के अंदर इन आकृतियों का नजारा देखते ही बनता है।
दिल्ली की कंपनी बना रही आकृतियां
फोरलेन परियोजना का कार्य शुरू होने से पूर्व ही सुरंगों पर इस तरह की आकृतियां बनाने की योजना बना ली गई थी। अब यह परियोजना लगभग बनकर तैयार हो रही है और इन दिनों सुरंगों पर पेंटिंग के साथ साथ फाइनल कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सुरंगों पर पेंटिंग के कार्य को दिल्ली की कलर फिल्लर कंपनी अंजाम दे रही है। यह कंपनी 60 से 80 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से इन्हें तैयार कर रही है।
अनुमान के तहत सुरंग के एक मुहाने पर पेंटिंग की कीमत 10 लाख रुपये के करीब है। कंपनी के पदाधिकारयों ने बताया कि यह आकृतियां बेहद खास हैं और आगामी 10 से 15 वर्षों तक इसी तरह दिखाई देंगी। यह फेड नहीं होंगी, इन पर बारिश का असर नहीं होता।
पहली सुरंग पर देवभूमि में आपका स्वागत
पंजाब की तरफ से मनाली आते समय पहली सुरंग किरतपुर से 20 किलोमीटर आगे कैंची मोड़ पर स्थापित है। यह सुरंग करीब दो किलोमीटर लंबी है। इसके पहले एंट्री प्वाइंट पर बड़े अक्षरों में देवभूमि हिमाचल में आपका स्वागत है, कि आकर्षक पेंटिंग बनाई गई है। उसके आगे सुरंग नंबर तीन पर स्वास्तिक, राष्ट्रीय पक्षी मोर और देशवासियों के दिलों पर राज करने वाले महादेव की बड़ी आकृति बनाई गई है।
वहीं एक सुरंग पर लेह लद्दाख की झलक भी दिखाई जा रही है। इसके अलावा अन्य सुरंगों पर भी देवभूमि हिमाचल प्रदेश के देवी देवताओं समेत पर्यटक स्थलों के नजारों को दिखाने की योजना है।
रोमांच में आकृतियों का आकर्षण
जीएम गाबर इंडिया कंपनी के अधिकारी कर्नल बीएस चौहान ने बताया, "किरतपुर नेरचौक फोरलेन परियोजना पर पांच सुरंगें हैं। इन पर निर्माण करने वाली कंपनी टेंडर के मुताबिक आकृतियां बनवा रही हैं। दिल्ली की कलर फिल्लर कंपनी अधिकतर सुरंगों पर आकृतियां बनाने का कार्य कर रही है। एक पेंटिंग पर लगभग दस से 12 लाख रुपये तक का खर्च आ रहा है।"