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    बिलासपुर बस हादसा : सिर में चोट लगी तो सीट के नीचे छिप गए, हादसे में बचे भाई-बहन ने बताया कैसे हुई अनहोनी

    By Rajesh SharmaEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 01:28 PM (IST)

    बिलासपुर में बस दुर्घटना के बाद बचे भाई-बहन ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी जान बचाई। टक्कर के बाद सिर में चोट लगने पर वे सीट के नीचे छिप गए। उन्होंने यात्रियों की चीख-पुकार सुनी और डर के मारे सीट के नीचे दुबक गए। हादसे के बाद उन्होंने घायलों की मदद की।

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    बिलासपुर एम्स में उपचाराधीन आरुषि और बरठीं अस्पताल में शौर्य। जागरण

    -मलबे में दबे आठ वर्षीय बच्चे का शव मलबे से निकाला, 16 लोगों की गई जान
    -मुख्यमंत्री ने स्पाट की जांच के दिए आदेश, स्वजन को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा
    -कहा, हादसे के कारणों के पीछे किसी की लापरवाही पाई गई तो की जाएगी कड़ी कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, बरठीं (बिलासपुर)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरठीं के पास भल्लू में मरोतन से घुमारवीं जा रही बस पर पहाड़ टूटने से 16 लोगों की जान चली गई। इस हादसे में दो बच्चे 10 वर्षीय आरुषि व उसका आठ साल का भाई शौर्य ही सुरक्षित निकाले जा सके। दोनों बच्चे दुर्घटना के दौरान सीट के नीचे छिप गए थे, जिससे उनकी जान बच गई। 

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    मलबे में दबा आठ वर्षीय राहुल पुत्र संजीव निवासी गांव फंडां, डाकघर मैर, जिला हमीरपुर भाग्यशाली नहीं रहा। उसका शव बुधवार को एनडीआरएफ की टीम ने मलबे से निकाला। 

    सिर में चोट लगी तो सीट के नीचे छिप गए

    मां के साथ जा रही आरुषि ने बताया कि बस सामान्य गति से चल रही थी और दो स्टापेज के बाद में उन्हें उतरना था। वह बस में आगे की ओर बैठी हुई थी। पुल के पास धड़ाम की आवाज से पहाड़ी गिरी और चारों तरफ अंधेरा छा गया। सिर पर चोट लगने के बाद वह और शौर्य सीट के नीचे छिप गए। उस अंधेरे में केवल चीखें ही सुनाई दे रहीं थीं। बहुत लंबे समय पर मदद के लिए कोई नहीं आ रहा था। बाद में बाहर से आवाजें आने लगी। तब तक बस में भीतर सभी लोग मौन हो गए थे।

    शाम पांच बजे बंद किया सर्च अभियान

    मालिक एवं परिचालक के बयान के अनुसार बस में 18 ही यात्री सवार थे। इसके बावजूद प्रशासन ने बरठीं क्षेत्र की कई पंचायतों के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों की मदद से ऐसे लोगों की सूची बनाई थी, जो प्रतिदिन बस से सफर करते हैं। उन सभी के स्वजन से बातचीत करने एवं कुशल होने की सूचना के बाद प्रशासन ने बुधवार शाम पांच बजे सर्च अभियान बंद कर दिया है।

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    घटनास्थल पर स्थिति अभी भी सामान्य नहीं 

    बड़ी बात यह है कि घटनास्थल पर स्थितियां अब भी सामान्य नहीं हैं और उस पहाड़ी से खतरा बना हुआ है। रेतीली पहाड़ी होने के कारण अब प्रशासन उसे फायर ब्रिगेड की मदद से बाहर उभरी हुई खतरनाक चट्टानों को गिराने का प्रयास कर रहा है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी मामले की विभागीय जांच का आदेश दिया है। कहा कि इस क्षेत्र को लेकर लोगों ने पहले भी शिकायत दर्ज करवाई थी और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही प्रमाणित हुई तो कार्रवाई होगी।