Himachal Pradesh News: 17 साल बाद भी बागछाल पुल अधूरा, साल 2005 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में 17 साल बाद भी बागछाल पुल अधूरा है। आप को बता दें कि बागछाल पुल का शिलान्यास करीब 17 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने 2005 में किया था।

जागरण संवाददाता, बिलासपुर: 17 साल बाद भी बागछाल पुल अधूरा, साल 2005 में शुरू हुआ निर्माण कार्य, अभी तक पूरा नहीं हुआ। अभी भी तीन विधानसभा क्षेत्रों श्री नैना देवी व झंडुता के लोगों को थोड़ा और इंतजार करना होगा। आप को बता दें कि बागछाल पुल का शिलान्यास करीब 17 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने 2005 में किया था।
बता दें कि यह निर्माणाधीन बबखाल पुल विधानसभा क्षेत्र श्री नैना देवी व झंडूता को आपस में इस स्थान पर जोड़ता है। जिसका कार्य दिन रात युद्ध स्तर से प्रगति पर है। हालांकि आज के समय भी नयना देवी से झंडूता की तरफ जाने वाले लोगों को गोबिंदसागर झील पार करने के लिए मोटर वोट का सहारा लेकर इस पार से उस पार आना-जाना पड़ता है।
हजारों ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा
यह भी गौरतलब बात है कि उक्त बबखाल पुल का निर्माण कार्य पूरा जाने के बाद से जिला बिलासपुर की झंडूता विधानसभा क्षेत्र की कोटधार की दर्जनों ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा। क्योंकि इस पुल के बनने से जहां सड़क की दूरी बहुत कम रह जाएगी वहीं वाहन के आने जाने पर भी डीजल और पेट्रोल की कम लागत आने के बाद लोगों का बहुत कम खर्चा आएगा। गौरतलब है कि उक्त बबखाल पुल भारत का सबसे लंबा कंकरीट पुल बन रहा है। जिसकी लंबाई 330 मीटर है। यह डबल लेन पुल होगा।
ज्यादातर गांव पिछड़े क्षेत्र में आते हैं
बता दें कि विधानसभा क्षेत्र झंडूता में आज भी ज्यादातर गांव पिछड़े क्षेत्र में आते हैं। लोगों को नाव में सवार होकर दरिया पार करनी पड़ती है। गर्मियों के मौसम में गोबिंद सागर झील का जल स्तर अकसर कम हो जाने के चलते मोटर बोट नहीं चल पाते हैं, जिस कारण लोगों को बस में सफर करके सैकड़ों किलोमीटर घूम कर वाया बिलासपुर हो कर झंडूता अपने गृह क्षेत्र जाना पड़ता है।
इस पुल के बन जाने के बाद दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को आरपार जाना आसान हो जाएगा। तथा लोग बड़ी आसानी से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे। इस पुल की लम्बाई करीब 330 मीटर है जो डबल एम्पुल है। यह पुल गोविंदसागर झील के ऊपर से गुजरेगा इस पुल को गमन इंडिया कम्पनी द्वारा बनाया जा रहा है। भारत का सबसे लंबा कंकरीट पुल होगा ।
फोरलेन सड़क मार्ग पर वाहनों का ट्रायल भी पूर्ण कर लिया गया
गौरतलब बात यह है कि इस पुल को इतने साल बीत जाने के बाद भी अभी भी यह पुल बनकर तैयार नहीं हो पाया है, जबकि किरतपुर नेरचौक फोर लेन सड़क पर बबखाल पुल से पहले कई पुल बनकर तैयार हो चुके हैं और फोरलेन सड़क मार्ग पर वाहनों का ट्रायल भी पूर्ण कर लिया गया है। जल्द ही किरतपुर नेरचौक फोरलेन का उद्घघाटन करके इस फोरलेन पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
जैसे ही यह बागछाल पुल बनकर तैयार हो जाएगा दोनों विधानसभा क्षेत्रों नयना देवी और झंडूता क्षेत्र के हजारों की आबादी को इसका बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा और यह संपर्क मार्ग फोरलेन से भी जुड़ जाएगा जिसके चलते लोगों को चंडीगढ़- दिल्ली व अन्य राज्यों में आने जाने की सुविधा भी मिलेगी।
सुखदेव टिंडवाल, प्रोजेक्ट हैड, गैमन इंडिया ने बताया दो-तीन महीने बाद दोनो तरफ से पुल को जोड़ दिया जायेगा ,इस पुल की लम्बाई करीब 330 मीटर है जो डबल लाइन पुल है। यह पुल गोविंदसागर झील के ऊपर से गुजरेगा इस पुल को गमन इंडिया कम्पनी द्वारा बनाया जा रहा है यह भारत का सबसे लंबा कंकरीट पुल होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।