बिलासपुर के धौलरा मंदिर में दुर्गा पूजा की धूम, मां कुष्मांडा की हुई अराधना, बड़ी संख्या में मौजूद रहे श्रद्धालु
बिलासपुर के धौलरा मंदिर में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मां दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा की गई। पुजारी सुधांशु भट्टाचार्य के सानिध्य में भक्तों ने मां के चौथे स्वरूप की आराधना की। मान्यता है कि मां कुष्मांडा ने अपनी मंद हंसी से ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी और वे सूर्य के भीतरी भाग में निवास करती हैं।

जागरण संवाददाता, बिलासपुर। बिलासपुर के धौलरा मंदिर में चल रहे शारदोत्सव यानी दुर्गा पूजा उत्सव में मां दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा की गई। उपस्थित भक्तजनों ने शिमला से आए पुजारी सुधांशु भट्टाचार्य महाराज के सानिध्य में विधिवत मां दुर्गा के चौथे स्वरूप की पूजा की।
मां की चौथी शक्ति कुष्मांडा का स्वरूप समस्त सृष्टि को बनाने वाला माना जाता है। पुराणों के अनुसार अपने मंदहास्य से मां शक्ति ने इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी। माना यह भी जाता है कि संपूर्ण ब्रह्मांड में अंधकार व्याप्त था तो मां शक्ति के कुष्मांडा स्वरूप ने ही दसों दिशाओं को प्रकाशित किया था। मां कुष्मांडा का निवासी सूर्य के भीतरी हिस्से में माना जाता है। मां का कुष्मांडा स्वरूप अष्टभुजाधारी है व मां ङ्क्षसह पर सवार है। कुष्मांडा स्वरूप को प्रसन्न कर भक्त जीवन में समस्त सुखों को प्राप्त कर पाते हैं।
दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित इस भजन संध्या में आमंत्रित प्रसिद्ध भजन गायक अभिषेक सोनी ने माता रानी के एक से बढक़र एक भजन प्रस्तुत कर जहां उपस्थित संगत को भक्ति रस का पान करवाया, वहीं झूमने पर भी विवश कर दिया।
भजन संध्या का आगाज गायक महेश बंसल ने गणपति वंदना से किया। इसके बाद भजन गायक अभिषेक सोनी ने गुरु वंदना से शुरुआत करते हुए बाबा मेरे, नवरात्रे वालि, तेरी जय जयकार, गुफा दे अंदर, नैन तेरे मां नैना देवी, जय हो मेरी ज्वाला माई, मां मेरी लाडलिए, दिल फुलां दा बनाया मेरी मां, तू कितनी अच्छी है आदि भजनों की शानदार प्रस्तुति दी।
दुर्गा पूजा समिति की संस्थापिका डॉ. मल्लिका नड्डा ने अभिषेक सोनी और उनकी टीम को मां की चुनरी और मां दुर्गा की तस्वीर देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मोहित सांख्यान, राम पाल, जस्सी, सहित कई गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।
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