Himachal School: नहीं जागा शिक्षा विभाग, पेड़ की छांव में पढ़ने को मजबूर हैं इस स्कूल के विद्यार्थी
बिलासपुर के चलैहली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में है। स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्ताव भेजने के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। स्कूल में कमरों की कमी है और नए भवन का निर्माण भी नहीं हो पाया है।

संवाद सहयोगी, बिलासपुर। स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से शिक्षा विभाग को दिए गए प्रस्ताव के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चलैहली के द्वार तक नहीं पहुंच पाए हैं। मजबूरन विद्यार्थी जर्जर परीक्षा हाल भवन, लैब रूम या पेड़ की छांव के नीचे पढ़ रहे हैं।
बड़ी बात है कि शिक्षा विभाग ने कमरों की कमी को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। स्कूल प्रबंधन समिति ने 20 मई को उपनिदेशक बिलासपुर को समस्या से अवगत करवाया था। इसके बाद अधिकारी हर बार शीघ्र ही इसका निरीक्षण करने के दावे कर रहे हैं, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। स्कूल में जमा एक व जमा दो कक्षा के लिए कम से कम छह कमरों की आवश्यकता है, लेकिन यहां पर कमरों का अभाव है।
पहले यहां पर सात कमरों का एक भवन था, लेकिन असुरक्षित घोषित होने के बाद करीब 10 वर्ष पूर्व उसे गिरा दिया गया था। अभी तक उसके स्थान पर नया भवन भी नहीं बन पाया है। अभी जिस जर्जर भवन में कक्षाएं चलाई जा रही हैं उसका निर्माण भी 1934 में किया गया था।
एसएमसी ने भेजा है एस्टीमेट
स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान संजय कुमार के अनुसार उन्होंने अक्टूबर 2024 में पूर्व कमरों का एस्टीमेट बनाकर मुख्यमंत्री को भेजा था। इसमें करीब 23 लाख रुपये का एस्टीमेट व प्रस्ताव भेजा तथा इसके बाद एक पत्र भी आया, जिसमें दस्तावेज पूर्ण करने की बात कही थी।
इसके बाद यह दस्तावेज पूर्ण करके उपनिदेशक बिलासपुर कार्यालय को भेज दिए थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। 22 अप्रैल को दोबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा लेकिन उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
छठी से लेकर 12वीं तक हैं 127 विद्यार्थी
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चलैहली में साइंस, आर्ट्स और कामर्स संकाय की कक्षाएं भी हैं। ऐसे में यहां पर छठी से लेकर जमा दो तक करीब 127 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए कमरे की सुविधा है, लेकिन जमा एक व जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भवन की उचित व्यवस्था नहीं है। छठी कक्षा से दसवीं कक्षा तक 53 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जबकि जमा एक व जमा दो में 74 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
चलैहली स्कूल से एक प्रस्ताव मेरे पास आया था। इसे उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है। कार्यालय में जरूरी काम होने के कारण मैं स्कूल का निरीक्षण नहीं कर पाई हूं। अब शीघ्र ही स्कूल का निरीक्षण करके फीडबैक लिया जाएगा, ताकि कार्रवाई हो सके। पुराने भवन की सामग्री को उठाने के लिए एस्टीमेट भेज दिया गया है।
-रेणु कौशल, उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विभाग बिलासपुर।
पांच से 12 किलोमीटर दूर क्षेत्र के विद्यार्थी पहुंचते हैं पढ़ने के लिए
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चलैहली में न केवल स्थानीय गांव के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए यहां पर पहुंचते हैं बल्कि यहां पर हवाण, कुहमझवाड़,बरड़ी, मैहरन, रोहिण बल्हचुराणी आदि दूरस्थ क्षेत्रों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां पर पहुंचते हैं।
इन क्षेत्रों की दूरी पर नजर दौड़ाएं तो कूह मझवाड़ 12 किलोमीटर, मेहरन आठ किलोमीटर, बरड़ी नौ किलोमीटर, रोहिणी नौ किलोमीटर, बल्ह चुराणी 10 किलोमीटर, हवाण पांच किलोमीटर है।
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