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    बिलासपुर बस हादसा: दो दिन पहले भी गिरा था मलबा, फिर भी नहीं चेता प्रशासन; 18 मौतों का जिम्मेदार कौन?

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 07:03 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक दुखद घटना घटी जहाँ भल्लू पुल के पास एक बस पर पहाड़ी से मलबा गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पहले से मिल रहे खतरे के संकेतों को अनदेखा किया क्योंकि उसी पहाड़ी से दो दिन पहले भी मलबा गिरा था।

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    दो दिन पहले भी गिरा था मलबा, फिर भी नहीं चेताया। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के बरठीं क्षेत्र में एक दुखद सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। भल्लू पुल के पास हुए इस हादसे में मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही एक निजी बस पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया, जिससे बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

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    बस में करीब 30 यात्री सवार थे, जिनमें से 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं। इस हादसे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पहाड़ी से दो दिन पहले भी मलबा गिरा था, लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर पहले से खतरे के संकेत मिल चुके थे, तो उन्हें नजर अंदाज क्यों किया गया?

    स्थानीय लोगों की मानें तो यह पहाड़ी पहले से ही रेतीली और कमजोर थी। यह इलाका बरसात में और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है क्योंकि मिट्टी और छोटे-छोटे पत्थर आसानी से नीचे खिसकने लगते हैं। यहां पर दो दिन पहले भी इसी स्थान पर मलबा गिरा था, जिसे प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया था। लेकिन इसके बाद वहां कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया, न ही उस मार्ग को बंद किया गया।

    लोगों का कहना है कि प्रशासन ने खतरे को नजरअंदाज किया और यह लापरवाही अब जानलेवा साबित हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में चोरी-छिपे माइनिंग भी होती रही है। हालांकि इस बारे में कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन लोगों का दावा है कि रात के समय भारी मशीनों की आवाजें और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही देखी जाती रही है।

    इस पूरे मामले में स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने पहले मिले संकेतों को गंभीरता से नहीं लिया। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

    यह उठ रहे सवाल

    1. दो दिन पहले मलबा गिरने के बाद क्यों कोई साइनबोर्ड नहीं लगाया गया।
    2. किसी भी ड्राइवरों को कोई चेतावनी नहीं दी गई। 
    3. न ही कोई अस्थायी ट्रैफिक कंट्रोल किया गया।