वरदान साबित हुई नीली क्रांति योजना
जिला बिलासपुर में नीली क्रांति योजना वरदान साबित हुई है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : जिला बिलासपुर में नीली क्रांति योजना वरदान साबित हुई है। जिला में मछली पकड़ने व मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान कर उनके आर्थिक विकास के लिए मत्स्य पालन विभाग प्रयास कर रहा है।
मछली पालकों व मछली पकड़ने वालों की आर्थिक समृद्धि के उद्देश्य से वर्ष 2016 में देश में नीली क्रांति मिशन का आगाज हुआ। बिलासपुर जिला में 2500 मछुआरे व 100 मत्स्य पालक इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इस केंद्र प्रायोजित योजना के सफल क्रियान्वयन से मछुआरों व मछली पालकों के जीवन में परिवर्तन हुआ है। बिलासपुर जिले में नीली क्रांति योजना के अंतर्गत मछुआरों व मत्स्य कृषकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। नीली क्रांति योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीन ऐसे सक्रिय मछुआरे जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है, उनके लिए मछुआरा आवास योजना चलाई गई है। यह पूर्ण रूप से केंद्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत भवन निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है। जिले में वर्ष 2018-19 में 95 व वर्ष 2019-20 में 104 मछुआरों ने इस योजना का लाभ उठाकर अपने पक्के मकान के सपने को साकार किया। नीली क्रांति योजना के अंतर्गत मछुआरों के लिए किश्ती, जाल व अन्य उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए अनुदान दिया जाता है। योजना के अंतर्गत कुल अनुमानित लागत एक लाख रुपये पर सामान्य जाति के लोगों को 40 फीसद तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों व महिलाओं को 60 फीसद अनुदान दिया जाता है। वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति की महिलाओं व सामान्य जाति के 65 लाभार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित करके 41 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया।
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य कृषकों को नए तालाब निर्माण को लेकर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नीली क्रांति योजना के अंतर्गत एक योजना क्रियान्वित की गई। इस योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए तालाब निर्माण को लेकर कुल इकाई अनुमानित लागत सात लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सामान्य जाति के लोगों के लिए 40 फीसद और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों व महिलाओं के लिए 60 फीसद की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 6.72 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। नए व मरम्मत किए गए तालाबों में प्रथम वर्ष में मछली बीज, मत्स्य आहार, खाद व दवाइयां आदि डालने के लिए कुल परियोजना अनुमानित लागत 1.5 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से सामान्य जाति के लोगों के लिए 40 फीसद और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों व महिलाओं के लिए 60 फीसद की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 45 लाख रुपये व वर्ष 2019-20 के दौरान 45 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। नीली क्रांति योजना मात्सि्यकी के लिए वरदान साबित हुई है। जलाशय के मछुआरों के साथ मत्स्य कृषकों की आर्थिक उन्नति और जीवन स्तर में सुधार करने में इस योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना ने अपने उद्देश्यों को पूरा किया है।