Bilaspur News: हाईवे पर पत्थर रखकर रास्ता रोका और लगा दिया बिस्तर, केस दर्ज; 2022 से चल रहा विवाद
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति ने हाईवे पर पत्थर रखकर रास्ता बाधित कर दिया। इतना ही नहीं उसने हाईवे पर ही बिस्तर भी लगा लिया। बिलासपुर जिले के मंगरोट में शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर सीता शर्मा नामक महिला की जमीन है। सीता शर्मा के बेटे रमाकांत का दावा है कि विभाग ने उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं दिया है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति ने हाईवे पर पत्थर रखकर रास्ता बाधित कर दिया। इतना ही नहीं, उसने हाईवे पर ही बिस्तर भी लगा लिया। दरअसल, 2022 से एक राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि के संबंध में चल रहा विवाद सवा साल बाद भी सुलझ नहीं पाया है। यही वजह है कि ऐसे दृश्य देखने को मिल रहे हैं।
नवंबर 2022 से रमाकांत कर रहा इस तरह का कार्य
दरअसल, बिलासपुर जिले के मंगरोट में शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर सीता शर्मा नामक महिला की जमीन है। सीता शर्मा के बेटे रमाकांत का दावा है कि विभाग ने उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं दिया है। इस वजह से रमाकांत राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच कभी चारपाई लगा देता है, कभी खोखा। कभी तो पत्थर लगाकर यातायात अवरुद्ध कर देता है। नवंबर 2022 से लगातार रमाकांत इस तरह का कार्य कर रहा है।
रमाकांत ने बीच सड़क लगाया था बिस्तर
रमाकांत ने बुधवार को एनएच के बीच रेहड़ी लगा दी थी, जबकि गुरुवार को उसने हाईवे की एक लेन पर पत्थर रखे और बीच में अपना बिस्तर लगा दिया। इस पर लोक निर्माण विभाग ने सीता शर्मा के नाम सदर थाना बिलासपुर में शिकायत दर्ज करवाई है। इस पर सदर थाना के दो पुलिस जवान भेजे गए। उन्होंने इस विवाद को लेकर प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी दी और दोपहर बाद बिस्तर हटवा दिया।
पुलिस ने सीता शर्मा के खिलाफ दर्ज किया केस
राजनकांत ने बताया कि उसे बताया गया है कि स्थानीय प्रशासन इसी माह दोबारा से निशानदेही की प्रक्रिया करने वाला है। वह भी चाहता है कि निशानदेही हो और उन्हें मालिकाना हक दिया जाए। उधर, डीएसपी बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की शिकायत पर पुलिस ने सीता शर्मा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
यह है मामला
हाईवे के किनारे अवैध कब्जे हटाने के आदेश पर कार्रवाई करते हुए शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगरोट में नवंबर, 2022 को बिलासपुर जिला प्रशासन ने राजनकांत के लगाए गए खोखे को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। इससे आक्रोशित राजनकांत शर्मा 30 नवंबर, 2022 को हाईवे पर अपनी जमीन होने का दावा करते हुए खोखा लगा दिया।
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चार दिसंबर, 2022 को पुलिस बल समेत पहुंची प्रशासनिक टीम ने जबरन खोखा वहां से हटवा दिया। इसके बावजूद राजनकांत शर्मा बार-बार खोखा लगाता रहा। असल बात जानने के लिए प्रशासन ने 14 अप्रैल, 2023 को निशानदेही करवाई तो उसमें राजनकांत की माता सीता शर्मा के नाम 12 बिस्वा जमीन निकली। इसमें आठ बिस्वा जमीन हाईवे पर आई। इसके बाद से राजनकांत और प्रशासन के बीच यह विवाद चल रहा है, लेकिन प्रशासन अभी तक इस गंभीर मामले को सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाया है।
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राजनकांत का कहना है कि खसरा नंबर 217/119 की निशानदेही उसकी माता ने वर्ष 2009 में भी करवाई थी। उस समय से वह अपनी जमीन की निशानदेही की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन निशानदेही और तक्सीम देने से बच रहा है।
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