हिमाचल के इस हाईवे के बीचों बीच चाय क्यों बेचना लगा शख्स? झाड़ियां रख बंद कर दी सड़क; पढ़ें क्या है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अनोखा विरोध देखने को मिला। राजनकांत नाम के एक शख्स ने अपनी जमीन को लेकर चल रहे विवाद के चलते हाईवे के बीचों-बीच चाय बेचना शुरू कर दिया। इस वजह से हाईवे पर एक तरफ से आवाजाही बंद हो गई। इसके बाद एसडीएम ने टीम भेजकर प्रशासनिक कार्रवाई कराई। अब मार्ग को पूरी तरह से खुलवा दिया गया है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। मटौर शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगरोट में जमीन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को राजनकांत ने एक बार फिर से सड़क पर पत्थर व झाड़ियां लगाकर एक तरफ से मार्ग बंद कर दिया।
सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर 12 बजे बजे तक हाईवे एकतरफ से बंद रहा। जिससे वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों एवं राहगीरों को दिन भर मुश्किल झेलनी पड़ी। यह पहली बार नहीं हुआ है, जबकि मार्ग बंद हुआ हो। राजनकांत ने इससे पूर्व कई बार मार्ग बंद किया। सड़क के बीचोंबीच खोखा लगाकर चाय भी बेची है।
राजनकांत का दावा हाईवे की भूमि उसकी मां के नाम है
जानकारी के मुताबिक हाईवे की यह भूमि राजनकांत के मां सीता देवी के नाम है। अपनी जमीन को कब्जा लेने के लिए राजनकांत ने गत तीन अप्रैल को लिखित तौर पर प्रशासन को कहा था कि एक सप्ताह में अगर प्रशासन ने अपने कब्जा नहीं हटाया तो वह मार्ग बंद कर देंगे।
यह विवाद 2022 से चल रहा है। जनवरी माह में एसडीएम कोर्ट के आदेशों पर तहसीलदार एवं राजस्व विभाग ने दूसरी बार इस भूमि की निशानेदेही भी करवाई थी। निशानदेही में 17 बिस्वा जमीन राजनकांत के मां के नाम निकली है। जिसकी रिपोर्ट तहसीलदार ने एसडीएम कोर्ट में जमा भी करवा दी है।
उधर राजनकांत ने कहा कि अपना हक लेने के लिए वह रूकेंगे नहीं। इसके लिए उन्हें चाहे अपनी गिरफ्तारी भी करवानी पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन ने अब उन्हें कब्जा नहीं दिया तो वह दोबारा ऐसे ही आधा मार्ग बंद कर देंगे।
प्रशासनिक टीम भेजकर मार्ग खुलवाया गया:एसडीएम
एसडीएम बिलासपुर अभिषेक गर्ग ने बताया कि मंगरोट विवाद को शांत करवाने के लिए प्रशासनिक टीम भेजी गई थी और मार्ग पूरी तरह से खुलवा दिया है। नियमों के अनुसार वह मार्ग पूरी तरह से बंद नहीं कर सकता है।
टाइमलाइन देखिए कब क्या हुआ
-नवंबर 2022 में प्रशासन को और से हाईवे के किनारे अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए गए, जिसमें राजनकांत को खोखा हटाने का नोटिस जारी हुआ।
30 नवंबर, 2022 : नोटिस से नाराज राजनकांत ने हाईवे पर अपनी जमीन होने का दावा करते हुए खोखा लगा दिया।
-4 दिसंबर 2022: पुलिस जबरन खोखा वहां से हटवा दिया।
-14 अप्रैल, 2023 को प्रशासन ने पहली बार निशानदेही करवाई, तो उसमें राजनकांत की माता सीता शर्मा के नाम 8 बिस्वा जमीन निकली।
-जुलाई 2023: राजन कांत ने हाइवे पत्थर लगा दिए।
-2 जनवरी 2023 : राजनकान्त ने फिर खोखा लगा दिया।
4 जनवरी 2024 : राजनकांत ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों खिलाफ सदर थाना थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
3 नवंबर 2024 : एसडीएम कोर्ट बिलासपुर ने निशानदेही आदेश जारी किए।
15 जनवरी 2025 : निशानदेही शुरू हुई और 23 जनवरी तक चली। इस निशानदेही में राजनकांत की माता सीता देवी के नाम हाइवे पर 17 बिस्वा भूमि निकली है।
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