Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब स्पाइनल फ्रैक्चर्स का इलाज हुआ बेहतर

    By Edited By:
    Updated: Wed, 09 Apr 2014 04:04 PM (IST)

    रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) का फ्रैक्चर शरीर की अन्य हड्डियों के फ्रैक्चर से भिन्न होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि रीढ़ की हड्डी (वर्टिब्रा) के टूटने या उसके अपनी जगह से खिसकने से स्पाइनल कॉर्ड या उससे निकलने वाली नसें (न‌र्व्स)विभिन्न प्रकार से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। अधिकतर स्पाइनल फ्रैक्चर स्

    Hero Image

    रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) का फ्रैक्चर शरीर की अन्य हड्डियों के फ्रैक्चर से भिन्न होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि रीढ़ की हड्डी (वर्टिब्रा) के टूटने या उसके अपनी जगह से खिसकने से स्पाइनल कॉर्ड या उससे निकलने वाली नसें (न‌र्व्स)विभिन्न प्रकार से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। अधिकतर स्पाइनल फ्रैक्चर सड़क दुर्घटना, ऊंचाई से गिरने या खेल-कूद में लगी चोट के कारण होते हैं। रीढ़ की हड्डी लिगामेंट में मामूली चोट या मांशपेशियों के खिंचाव से भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसी तरह रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर व फ्रैक्चर डिसलोकेशन(हड्डी का टूटकर अपनी नियत जगह से हट जाना) के अलावा स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी के कारण भी स्पाइन क्षतिग्रस्त हो सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्पाइनल इंजरी के 80 फीसदी मामले युवाओं में होतेहैं। ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त बुजुर्ग व्यक्तियों में भी स्पाइनल फ्रैक्चर की संभावना कहीं ज्यादा बढ़ जाती है।

    लक्षण

    रीढ़ की हड्डी की चोट की गंभीरता और विकारग्रस्त भाग के अनुसार इस समस्या के कई लक्षण सामने आते हैं..

    -यात्रा के दौरान झटका लगने पर कमर या पीठ में अत्यंत दर्द होना।

    -कार या मोटरसाइकिल से दुर्घटना के बाद गर्दन या पीठ में दर्द।

    -शरीर के अंगों में सुन्नपन।

    -हाथ या पैर में झनझनाहट या ताकत में कमी होना।

    -मल-मूत्र पर नियंत्रण न होना।

    -हाथ-पैर का न उठ पाना या चल पाना।

    प्रकार

    दो प्रकार के स्पाइन फ्रैक्चर होते हैं। पहला, सामान्य फ्रैक्चर में अनस्टेबल फ्रैक्चर और फ्रैक्चर डिसलोकेशन को शामिल किया जाता है। वहीं दूसरे प्रकार में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी को शामिल किया जाता है।

    जांचें

    रीढ़ की जांच के लिए रोगी की संपूर्ण शारीरिक जांच के साथ-साथ एक्स-रे,.सी.टी. स्कैन और एम.आर.आई. परीक्षण कराए जाते हैं।

    इलाज

    रीढ़ की हड्डी के इलाज की प्रक्रिया सही मायने में दुर्घटनास्थल से शुरू हो जानी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अस्पताल में देरी से पहुंचने के कारण अधिकांश पीड़ित व्यक्तियों में इलाज के बावजूद संतोषजनक

    परिणाम नहीं मिल पाते। इस स्थिति में डॉक्टरों के लिए रोगी एक चुनौती बनकर रह जाता है।

    सामान्य स्पाइनल फ्रैक्चर्स को ऑपरेशन के बगैर केवल दवाओं व ब्रेस (एक विशेष प्रकार की बेल्ट) और फिजियोथेरेपी द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है।

    अनस्टेबल फ्रैक्चर्स और फ्रैक्चर्स डिसलोकेशन की स्थिति में चूकि स्पाइनल कॉर्ड क्षतिग्रस्त होती है। नतीजतन, ऐसी दशा में सर्जरी द्वारा रीढ़ की हड्डी पर स्क्रू व रॉड लगाकर इसे मजबूती और स्थिरता प्रदान की जाती है। इससे स्पाइनल कॉर्ड दबावरहित हो जाती है और नियमित व्यायाम के परिणामस्वरूप रोगी के प्रभावित अंग पूर्व की भांति कार्य करने लगते हैं।

    वहींस्पाइनल कार्ड इंजरी से गंभीर रूप से ग्रस्त रोगियों में ऑपरेशन द्वारा क्षतिग्रस्त स्पाइनल कॉर्ड को पुन:स्थापित किया जाता है। इसी प्रकार रीढ़ की हड्डी के चोटिल भाग को स्थिरता प्रदान की जाती है।

    (डॉ.एस.के.सिंह आर्थो-स्पाइन सर्जन)

    comedy show banner
    comedy show banner