जब हो हाइड्रोसेफेलस
मस्तिष्क में ज्यादा मात्रा में सेरिब्रो स्पाइनल फ्लूड (सी. एस.एफ.) होने की स्थिति को हाइड्रोसेफेलस कहते हैं। यह रोग जन्म के पहले व जन्म के बाद कभी भी हो सकता है लेकिन अब इस रोग का इलाज संभव है...ड्रोसेफेलस नामक रोग दिमाग पर दबाव डालता है।
मस्तिष्क में ज्यादा मात्रा में सेरिब्रो स्पाइनल फ्लूड (सी. एस.एफ.) होने की स्थिति को हाइड्रोसेफेलस कहते हैं।
यह रोग जन्म के पहले व जन्म के बाद कभी भी हो सकता है लेकिन अब इस रोग का इलाज संभव है...ड्रोसेफेलस नामक रोग दिमाग पर दबाव डालता है।
आम भाषा में इस समस्या को दिमाग में पानी आने का मर्ज भी कहते हैं। इस रोग के कई कारण हैं...
कारण
- यह मर्ज पैदाइशी भी हो सकता है।
- ब्रेन हेमरेज के कारण भी संभव है।
- संक्रमण से भी यह मर्ज संभव है। इसमें टी.बी. का संक्रमण भी प्रमुख कारण है।
- दिमागी चोट के कारण भी यह रोग संभव है।
लक्षण: एक साल के बच्चे में सिर का बढऩा इस मर्ज का एक प्रमुख लक्षण है। इसके अलावा उल्टी होना, ज्यादा सोते रहना, ज्यादा चिड़चिड़ापन, ऊपर की तरफ न देख पाना व मिर्गी के दौरे आना कुछ अन्य लक्षण हैं। आंखों की रोशनी
कम होना, किसी वस्तु का दो-दो रूप दिखना और उल्टी होना प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा मिर्गी के दौरे आना और व्यवहार में परिवर्तन आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
उपचार: विभिन्न प्रकार की सर्जरी द्वारा दिमागी पानी को शरीर के दूसरे हिस्से में एक ट्यूब के सहारे भेज दिया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत पेट के अंदर पानी भेजना एक सर्वाधिक प्रमुख उपाय है, लेकिन इस ऑपरेशन के कई नुकसान हो सकते हैं। जैसे ट्यूब पर संक्रमण हो जाना,
ट्यूब का अपर्याप्त रूप से काम करना, नली में रुकावट, शरीर के हिसाब से नली का छोटा पड़ जाना, दिमाग में खून का थक्का बनना व पेट से संबंधित समस्याएं होना।
नवीनतम इलाज: आजकल दूरबीन विधि से दिमाग के अंदर ही एक रास्ता बना देने वाली पद्धति काफी प्रचलित है। इस पद्धति को थर्ड वेन्ट्रिकुलोस्टॅमी कहते हैं।
डॉ.विकास शुक्ला न्यूरो सर्जन
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