खाएं पर तासीर का ध्यान रखें
बाबा को रात में खाने में भात न मिले तो खाना बेस्वाद लगता है, लेकिन दादी मा रोज इस बात की हिदायत देती हैं कि मैं रात के खाने में बेटी को चावल न दूं, वरना जाड़ा लग जाएगा।
बाबा को रात में खाने में भात न मिले तो खाना बेस्वाद लगता है, लेकिन दादी मा रोज इस बात की हिदायत देती हैं कि मैं रात के खाने में बेटी को चावल न दूं, वरना जाड़ा लग जाएगा। एक ही खाने पर दो पीढि़यों की राय में धुर विरोधी अंतर ठीक वही है जो तासीर को लेकर आयुर्वेद व एलोपैथी में है। पारंपरिक रूप से खाने की तासीर को महत्व मिलता रहा है। आयुर्वेद के अनुसार तासीर दो तरह की होती है- ठंडी तासीर और गर्म तासीर।
मौसम के मुताबिक आहार
वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. प्रताप चौहान के अनुसार गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्र्थो का सेवन सर्दियों के मौसम में किया जाना जाहिए। इसके विपरीत ठंडे खाद्य पदार्र्थो का सेवन गर्मियों के मौसम में करना चाहिए। वस्तुत: सर्दियों के मौसम में पेट में स्रावित होने वाले पाचक रसों की मात्रा बढ़ जाती है। भूख भी अच्छी लगती है। इस कारण सर्दियों में गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्र्थो का सेवन लाभप्रद रहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप फास्ट फूड्स का जमकर सेवन करें। वहीं गर्मियों में सर्दियों की तुलना में लोग पानी ज्यादा पीते हैं और भूख भी ज्यादा नहींलगती। इसलिए गर्मियों में ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्र्थो का सेवन करना चाहिए।
विज्ञान की कसौटी पर
डॉ. सतीश चद्र शुक्ला के अनुसार हमारे यहा आयुर्वेद के आहार से सबधित जो नियम हैं, वे आधुनिक विज्ञान की कसौटी पर खरे उतरे हैं। जैसे खाना तैयार करते समय हल्दी, लहसुन, प्याज, जीरा, धनिया, सौंफ व हींग आदि के प्रयोग से पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स व मिनरल्स प्राप्त होते हैं।
ये हैं ठंडी तासीर वाले
आवला और इससे बनने वाले उत्पाद जैसे मुरब्बा आदि, लौकी, परवल टिंडा, तरोई, अंगूर, सतरा, तरबूज और खरबूजा आदि की तासीर ठंडी होती है। इसी तरह शीतल पेयों की तासीर भी ठंडी होती है।
ये हैं गर्म तासीर वाले
फास्ट फूड्स और तले हुए खाद्य पदार्थ, अखरोट, काजू आदि ड्राई फ्रूट्स, खजूर, मूंगफली, सोयाबीन, उड़द की दाल, राजमा, छोले आदि की तासीर गर्म होती है।
दूसरा पहलू यह भी
सीनियर डाइटीशियन डॉ. काजल पड्या के अनुसार आधुनिक चिकित्सा विज्ञान विभिन्न खाद्य पदार्र्थो को ठंडे व गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्र्थो के रूप में विभाजित नहीं करता। बकौल काजल, आप गर्मियों में भी ड्राई फ्रूट्स ले सकते हैं, हा उतनी ही मात्रा में जितना आप पचा सकते हों। आप करेले के साथ दही खा सकते हैं, बशर्ते कि उसके खाने के बाद आपके हाजमे पर या शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
बहरहाल, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान खान-पान में ठंडी व गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्र्थो पर जोर न देकर भोजन के छह प्रमुख तत्वों की सतुलित मात्रा पर जोर देता है। ये प्रमुख तत्व कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, विटांिमस, मिनरल्स और फाइबर हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।