आधुनिक रेडियोथ्ेारेपी का कैंसर पर करारा प्रहार
आधुनिक रेडियोथेरेपी कैंसर के उपचार की एक विधि है जिसमें विकिरण (रेडिएशन) द्वारा चिकित्सा की जाती है। यह विधि एक्सरे कराने जैसी ही है
आधुनिक रेडियोथेरेपी कैंसर के उपचार की एक विधि है जिसमें विकिरण (रेडिएशन) द्वारा चिकित्सा की जाती है। यह विधि एक्सरे कराने जैसी ही है। रेडियोथेरेपी में रेडियो किरणें कैंसर की कोशिकाओं से सपर्क स्थापित करती हैं। इससे कैंसर कोशिकाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, क्योंकि उनमें स्वस्थ कोशिकाओं की तरह रेडिएशन सहन करने की क्षमता नहीं होती। यदि रेडियोथेरेपी की कुल मात्रा को आधुनिक तकनीक से दिया जाए, तो सामान्य कोशिकाओं में रेडिएशन का असर कम से कम और कैंसरग्रस्त कोशिकाओं मे ज्यादा से ज्यादा होता है। इसलिए यह उपचार कई हफ्तों तक दिया जाता है। इस थ्ेारेपी में लगने वाला समय प्रतिदिन दो मिनट से बीस मिनट तक होता है।
लाभ
- कैंसर ग्रस्त ट्यूमर की गाठ की शुरुआती अवस्था में रेडियोथ्ेारेपी के जरिये सर्जरी किए बगैर समूल रूप से नष्ट किया जा सकता है।
- पारंपरिक कोबाल्ट रेडियोथेरेपी की तुलना में आधुनिक रेडियोथेरेपी अत्यत सुरक्षित है। कोबाल्ट थेरेपी द्वारा कैंसरग्रस्त अंगों के आसपास वाली स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं, जबकि आधुनिक रेडियोथ्ेारेपी में 'इमेज गाइडेड सिस्टम- का इस्तेमाल किया जाता है जो केवल उन्हीं कोशिकाओं को नष्ट करता है जो कैंसरग्रस्त हैं।
विभिन्न विधिया
आधुनिक रेडियोथेरेपी की विभिन्न विधिया हैं, जिनका इस्तेमाल कैंसरग्रस्त व्यक्ति की अवस्था के अनुसार किया जाता है
आईजीआरटी
इमेज गाइडेड रेडियोथेरेपी में सबसे पहले रोगी के कैंसरग्रस्त भाग का त्रिआयामी चित्र लिया जाता है। फिर उस भाग पर केवल उन्हीं कोशिकाओं पर रेडिएशन केंद्रित किया जाता है जो कैंसरग्रस्त होती हैं। इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता।
आईएमआरटी
इस विधि को इंटेन्सिटी मॉड्यूलेटेड रेडियोथेरेपी कहा जाता है। इस विधि में कैंसर की गभीरता को समझते हुए यह सुनिश्चित किया जाता है कि रोगी को किस तीव्रता के रेडिएशन की जरूरत है। इसके बाद ही कैंसरग्रस्त भाग पर रेडिएशन फोकस किया जाता है।
एसटीआरटी
इस तकनीक को स्पीरियो टैक्टिक रेडियोथेरेपी कहा जाता है। इस विधि में ट्यूमर को लक्षित करके सटीक रेडिएशन दिया जाता है । इसके परिणामस्वरूप ट्यूमर नष्ट हो जाता है। यह विधि ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ के अंदर व बाहर स्थित ट्यूमर और फेफडे में स्थित ट्यूमर को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
वी-मैट
इसे वॉल्यूमेट्रिक मॉड्यूलेटेड आर्क थ्ेारेपी (वी-मैट) कहा जाता है। इस विधि में बहुत कम समय (2 से 5 मिनट तक) में रेडिएशन द्वारा शरीर के कैंसरग्रस्त भाग की चिकित्सा की जाती है।
ब्रेकीथेरेपी
शरीर के आतरिक अंगों में स्थित ट्यूमर या गाठों, भोजन की नली, फेफड़े और गर्भाशय आदि के कैंसर में ब्रेकीथेरेपी उपयोगी है।
डॉ. सपना गुप्ता दत्ता वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ
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